जयपुर: गहलोत सरकार ने RPSC पेपर लीक प्रकरण में बड़ा एक्शन लिया. गहलोत सरकार ने 4 सरकारी कार्मिकों को सस्पेंड किया. वरिष्ठ अध्यापक रावताराम, एलडीसी पुखराज, द्वितीय श्रेणी शिक्षक भागीरथ, हेडमास्टर सुरेश कुमार पर गाज गिरी. अब ये चारों कर्मचारी राजकीय सेवा से बर्खास्त होंगे. राज्य सरकार ने चारों के बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की.
इससे पहले राजस्थान में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में सामान्य ज्ञान के पेपर को शनिवार को निर्धारित समय से कुछ घंटे पहले निरस्त कर दिया गया, यह परीक्षा अब 29 जनवरी को दोबारा होगी. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेपर लीक होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इसमें शामिल परीक्षार्थियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जिसने इस तरह के मामले में त्वरित व सख्त कार्रवाई की है.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान की उदयपुर जिला पुलिस ने शनिवार सुबह एक बस से 37 छात्रों और सात विशेषज्ञों समेत कुल 44 लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार यह गिरफ्तारी राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के सामान्य ज्ञान विषय के पेपर लीक मामले में की गई है. इसके बाद आयोग ने पेपर निरस्त करने की घोषणा की.हालांकि शाम में आयोग की ओर से इस पेपर की नई तारीख जारी की गई.
आयोग की सूचना के अनुसार, आयोग द्वारा 24 दिसंबर को आयोजित वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा विभाग) प्रतियोगी परीक्षा, 2022 ‘ग्रुप-सी’ के सामान्य ज्ञान प्रश्न-पत्र की परीक्षा अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गयी. उक्त स्थगित परीक्षा का आयोजन अब दिनांक 29 जनवरी 2023 को किया जाना निश्चित किया गया है.' यह पेपर शनिवार को सुबह नौ बजे से होना था. वहीं इससे पहले उदयपुर के पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने कहा कि पेपर लीक होने और परीक्षार्थियों को लेकर एक निजी बस के उदयपुर आने की गुप्त सूचना पर पुलिस टीमों ने शनिवार आज सुबह बेकरिया थाना क्षेत्र में एक बस को रोका.
उन्होंने कहा कि बस में यात्रा कर रहे परीक्षार्थियों के पास परीक्षा का पेपर था. शर्मा ने कहा कि एक नाके पर संदिग्ध बस को रोका गया और जांच की गई. 37 परीक्षार्थी लीक हुए पेपर के साथ पाए गए और विशेषज्ञों और निरीक्षकों सहित सात अन्य उपकरणों के साथ मिले. ये सभी जालोर जिले के रहने वाले हैं उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि इस षड्यंत्र के मास्टरमाइंड ने पेपर उपलब्ध कराने के लिए 10 लाख रुपये लिए थे. उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
उदयपुर पुलिस ने पिछले दिनों तीन ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया था जो इस परीक्षा में बतौर डमी परीक्षार्थी के रूप में शामिल होने वाले थे और ये सभी फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं.मुख्यमंत्री ने पेपर लीक होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य सरकार इसमें शामिल परीक्षार्थियों सहित सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.गहलोत ने इस बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा कि पेपर लीक होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. कई राज्यों में पेपर लीक होने लगे हैं. बहुत ही चिंताजनक स्थिति है. राजस्थान वह पहला राज्य है देश में जिसने ऐसे लोगों को जेल में डाल रखा है.'
उन्होंने कहा कि आज भी, यह हरकत करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. हमने हाल ही विधानसभा में एक कानून पारित किया है जिसके तहत ऐसे लोगों को सख्त सजा मिलेगी जरूरत पड़ी तो और कड़ा कानून बनाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से कई ऐसे गिरोह बन गए हैं जो बच्चों को गुमराह करते हैं. जो बच्चे (परीक्षार्थी) इसमें शामिल पाए जाएंगे उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी जिससे भविष्य में बच्चे इस तरह के काम में शामिल नहीं हों ...पढ़ाई कर पास हों और नौकरी में जाएं.
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने भी कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षाओं को स्वच्छ एवं निष्पक्ष ढंग से करवाने के लिए तत्पर है एवं इसी के चलते निरंतर ऐसे नकल गिरोहों को पकड़ा जा रहा है. मिश्रा ने बताया कि नकल करने का प्रयास करने वाले अभ्यर्थियों को निषेध (डिबार) करने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग को लिखा जा रहा है.
वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि आज फिर माध्यमिक शिक्षा सेकंड ग्रेड की परीक्षा का पेपर लीक हो गया है, क्या कारण है बार बार पेपर इन गैंग की पास चला जाता है . राजस्थान सरकार को इन विद्यार्थियों की पीड़ा को समझना होगा और इन पेपर लीक करने वाली गैंग पर सख़्त कार्यवाही करनी होगी.