Bharat Jodo Yatra का तेलंगाना चरण चार दिन के विराम के बाद फिर शुरू

हैदराबाद: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ चार दिन के विराम के बाद बृहस्पतिवार को तेलंगाना के नारायणपेट जिले के मकथल से बहाल हुई. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी.

यात्रा सुबह साढ़े छह बजे मकथल से शुरू हुई, जिसमें राहुल के साथ कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी, सांसद उत्तम कुमार रेड्डी, कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता भट्टी विक्रमार्क और कई अन्य पार्टी नेता शामिल हुए. राज्य में यात्रा का यह दूसरा दिन है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने कर्नाटक के रायचूर से निकलने के बाद 23 अक्टूबर की सुबह गुडेबेलूर के रास्ते तेलंगाना में प्रवेश किया था. कुछ देर पदयात्रा के बाद रविवार दोपहर से 26 अक्टूबर तक इस यात्रा को विराम दिया गया था.

बालाजी फैक्टरी में रात्रि विश्राम किया जाएगा:
राहुल 23 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हुए थे. वह बुधवार रात विमान से हैदराबाद उतरे और सड़क मार्ग से गुडेबेलूर गए. पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल के नेतृत्व वाली इस यात्रा के तहत बृहस्तिवार को 26.7 किलोमीटर की दूरी तय किए जाने का कार्यक्रम है. इसके बाद मकथल स्थित श्री बालाजी फैक्टरी में रात्रि विश्राम किया जाएगा.

समुदायों के नेताओं एवं बुद्धिजीवियों से मुलाकात करेंगे:
मकथल से तेलंगाना के अलग-अलग हिस्सों में 16 दिनों तक यात्रा जारी रहेगी. इस दौरान 19 विधानसभा और सात संसदीय क्षेत्रों से गुजरते हुए 375 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात नवंबर को महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी. यात्रा के दौरान चार नवंबर को एक दिन का विश्राम रहेगा. वायनाड से सांसद राहुल खेल, व्यवसाय और मनोरंजन क्षेत्र की हस्तियों सहित विभिन्न समुदायों के नेताओं एवं बुद्धिजीवियों से मुलाकात करेंगे.

मंदिरों में भी जाएंगे और वहां पूजा-अर्चना करेंगे:
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने कहा कि राहुल तेलंगाना में प्रार्थना कक्षों, मस्जिदों और मंदिरों में भी जाएंगे और वहां पूजा-अर्चना करेंगे. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी. यात्रा के तेलंगाना चरण की शुरुआत से पहले राहुल ने केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में पदयात्रा की. कांग्रेस की तेलंगाना इकाई ने यात्रा के दौरान समन्वय के लिए 10 विशेष समितियों का गठन किया है. सोर्स-भाषा