नई दिल्ली: केंद्रीय इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 26 कंपनियों के साथ समझौते किए गए हैं.
उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में 'ग्लोबल जिंक समिट 2023' में यह जानकारी दी, जहां उन्होंने हितधारकों से भारत में निवेश के अवसरों का लाभ उठाने को कहा. सिंधिया ने कहा, 'हमने विशेष इस्पात के लिए एक पीएलआई योजना बनाई. इसमें जस्ता के साथ इस्पात उत्पाद शामिल है. मैं बताना चाहता हूं कि हमने 54 आवेदनों में करीब 26 कंपनियों के साथ समझौते किए हैं. इससे 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और लगभग 25,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.
80 प्रतिशत इस्तेमाल घरेलू स्तर पर किया जाता:
भारत जस्ता का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है, और दुनिया के कुल उत्पादन में उसका छह प्रतिशत योगदान है. उन्होंने कहा कि देश में उत्पादित जस्ते का 80 प्रतिशत इस्तेमाल घरेलू स्तर पर किया जाता है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जुलाई 2021 में 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी. सोर्स-भाषा