नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि कल संसद में संविधान पर चर्चा हुई 75 साल की गौरवमय यात्रा पर चर्चा हुई लेकिन कल से कांग्रेस तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है और मैं इसकी निंदा करता हूं. कांग्रेस बीआर अंबेडकर विरोधी है, यह आरक्षण और संविधान के खिलाफ है. कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया. आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया.
जब संसद में चर्चा चल रही थी, तो यह साबित हो गया कि किस तरह कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर का विरोध किया था. कांग्रेस ने बाबा साहेब को हाशिए पर धकेला. कांग्रेस ने बाबा साहेब को चुनाव में हराने की कोशिश की और किस तरह कांग्रेस ने बाबा साहब की मृत्यु के बाद भी उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की. जहां तक भारत रत्न देने की बात है, तो कांग्रेस ने अंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया और खुद के नेताओं को कई बार भारत रत्न दिया है.
नेहरू ने 1955 में खुद को भारत रत्न दिया, इंदिरा ने 1971 में खुद को भारत रत्न दिया और बाबा साहब को 1990 में भारत रत्न मिला, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं थी और भारतीय जनता पार्टी के समर्थन वाली सरकार थी. अंबेडकर के प्रति नेहरू की नफरत जगजाहिर है.
अमित शाह ने आगे कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. पहले उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के संपादित बयानों को भी सार्वजनिक किया. जब चुनाव चल रहे थे, तो मेरे बयान को AI का उपयोग करके संपादित किया गया था. और आज वे मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं.
मैं मीडिया से भी अनुरोध करना चाहता हूं कि मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखें. मैं एक ऐसी पार्टी से हूं जो कभी भी अंबेडकर जी का अपमान नहीं कर सकती. पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी(BJP) ने हमेशा अंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने की कोशिश की है. जब भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में रही, हमने अंबेडकर जी के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया है.
भारतीय जनता पार्टी ने आरक्षण को मजबूत करने का काम किया है. मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी यह कहना चाहता हूं कि आपको कांग्रेस के इस नापाक प्रयास का समर्थन नहीं करना चाहिए था. मुझे बहुत दुख है कि आप भी राहुल गांधी के दबाव में इसमें शामिल हो गए हैं.