दौसा : दौसा के कालीखाड़ में आर्यन को बचाने की मुहिम जारी है. आर्यन 38 घंटे से जिंदगी की जंग लड़ रहा है. लोकल एक्सपर्ट अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. तो दूसरी ओर पाइलिंग मशीन ने ड्रिलिंग का काम शुरू किया है. देर रात से रेस्क्यू का स्वरूप बदला. हर किसी की नजरें आर्यन की सलामती पर टिकी हुई हैं.
वहीं दौसा सांसद मुरारीलाल मीना कालीखाड़ पहुंचे हैं. अलसुबह चार बजे सांसद मुरारीलाल मीना पहुंचे. रेस्क्यू का मौके पर अधिकारियों से फीडबैक लिया. इसके उन्होंने आर्यन के परिजनों को ढाढस बंधाया.
बता दें कि यह हादसा सोमवार को हुआ और तब से अब तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. NDRF (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीम ने मोर्चा संभाला हुआ है और विशेष उपकरणों के माध्यम से बोरवेल में फंसे मासूम को बाहर निकालने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
आर्यन करीब 150 फीट गहरे बोरवेल में फंसा हुआ है, जहां वह पुराने पाइपों के बीच फंसा है. रेस्क्यू टीम ने कई बार खुदाई करने के बावजूद सफलता प्राप्त नहीं की है, लेकिन विशेष रिंग और अन्य उपकरणों की मदद से बचाव कार्य जारी रखा गया है. CCTV कैमरों और अन्य तकनीकी उपकरणों से रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी की जा रही है, जिसके प्रभारी एनडीआरएफ के योगेश मीना हैं.
रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) और स्थानीय बचाव टीम भी शामिल हैं. दर्जनों JCB मशीनों और ट्रैक्टरों के जरिए मिट्टी की खुदाई की जा रही है. गौरतलब है कि यह वही टीम है, जिसने पिछले दिनों बांदीकुई में एक बालिका को बोरवेल से सफलतापूर्वक निकाला था, जब उन्होंने पैरेलल टनल खोदकर बच्ची तक पहुंचने का काम किया था. इस बार भी उम्मीद जताई जा रही है कि टीम आर्यन को सुरक्षित निकालने में सफल होगी.