जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपनी 90 प्रतिशत चुनावी घोषणाएं पूरी की हैं और राज्य सरकार का ध्येय आमजन को राहत देना है. गहलोत ने कहा कि उन्होंने पांच साल में एक भी नया कर नहीं लगाया. उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि सामाजिक सुरक्षा का अधिकार देने के लिये कानून बनाया जाये. वह बाड़मेर में 143 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के लोकार्पण-शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस के जनघोषणा पत्र की करीब 90 प्रतिशत घोषणाओं को पूरा कर दिया है. मैंने वित्त मंत्री के रूप में पांच बजट पेश किये और पांचों पर कर नहीं लगाया. हम शानदार वित्तीय प्रबंधन कर रहे है. इसलिए बढ़-चढ़कर जनकल्याण योजनाएं आ रही हैं. आमजन को राहत देने राज्य सरकार का ध्येय बताते हुए गहलोत ने कहा कि राज्य में उत्कृष्ट वित्तीय प्रबंधन कर जनकल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं क्योंकि केन्द्र सरकार के मानकों को पूरा करने एवं अनुमति मिलने पर ही राज्य सरकारों को ऋण मिलता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण मूलभूत सुविधाओं को आमजन तक पहुंचाने की लागत अन्य राज्यों से अधिक है, इस बात को ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार को प्रदेश के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज राजस्थान सरकार की योजनाएं पूरे देश में चर्चा का विषय हैं. उन्होंने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस), आरजीएचएस, 1.35 करोड़ महिलाओं को तीन साल के इंटरनेट डेटायुक्त निःशुल्क स्मार्टफोन देने जैसी योजनाओं का जिक्र किया.
गहलोत ने कहा कि 2030 तक राजस्थान को देश का प्रथम राज्य बनाना हमारा ध्येय है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की पूर्ववर्ती (संप्रग) सरकार ने कानून बनाकर आमजन को शिक्षा, सूचना, रोजगार एवं खाद्य सुरक्षा के अधिकार दिए तथा राज्य की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने कानून बनाकर स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच) जनता को दिया , वर्तमान केंद्र सरकार को भी कानून बनाकर आमजन को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार देना चाहिए, इससे सभी नागरिक सम्मान के साथ जीवनयापन कर सकेंगे.
गहलोत ने केंद्र सरकार से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ई.आर.सी.पी.) राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जीवन रेखा है. केन्द्र सरकार को ई.आर.सी.पी. को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए, ताकि राज्य के एक बड़े क्षेत्र में सिंचाई जल एवं पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके. प्रधानमंत्री स्वयं अपनी सभाओं में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की बात कह चुके हैं.गहलोत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी जिद के कारण अब इसकी घोषणा नहीं कर रहे हैं. उन्होंने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा और कहा कि इसमें दो-ढाई लाख परिवार बर्बाद हो गये हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में वह ढाई लाख लोगो की आवाज बनकर बोल रहे हैं जबकि उनके खिलाफ मानहानि का दिल्ली में मुकदमा कर दिया गया है. सोर्स भाषा