VIDEO: भजनलाल कैबिनेट की हुई बैठक, सिविल सेवा नियम को लेकर हुआ बैठक में फैसला, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: सीएमओ में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश में विश्वस्तरीय खेल प्रतिभाएं तैयार करने के लिए महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी जयपुर विधेयक लाने, राजमेस मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटा की फीस कम करने, दिवंगत कार्मिक के माता-पिता और दिव्यांग संतान के लिए पारिवारिक पेंशन के प्रावधानों के सरलीकरण और कई विभागों में कार्यरत कार्मिकों को पदोन्नतियों का लाभ देने के लिए सेवा नियमों में संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए.

महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी जयपुर के बिल के प्रारूप का अनुमोदन किया.

यह विश्वविद्यालय स्पोर्ट्स साइंस टेक्नोलॉजी पर शोध को बढ़ावा देगा.
खेलों की गुणवत्ता और खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार आएगा.
यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप होगा.
यह सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में काम करेगा.

NRI कोटे में संशोधन.
NRI की फीस 31 लाख और मैनेजमेंट कोटा की फीस 9 लाख थी.
35 फीसदी मैनेजमेंट और 15 फीसदी NRI कोटा की थी.
अभी तक 5 फीसदी सालाना बढ़ोतरी के प्रावधान थे.
राजमेस कॉलेजों को इससे नुकसान हो रहा था.
कैबिनेट ने किया संशोधन.
NRI कोटा की फीस मैनेजमेंट कोटा की ढाई गुणा होगी.
अब यह 24 लाख से कम रह जाएगी.

महाराणा प्रताप के नाम से स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनेगी जो खेलों को विशेष प्रोत्साहन देगी.

सिविल सेवा नियम को लेकर कैबिनेट में हुआ फैसला.
कर्मचारी की मृत्यु के बाद माता–पिता को 30 फीसदी पेंशन मिलती थी.
अब कैबिनेट ने नियम 62 (3) को विलोपित कर दिया है.
*अब माता–पिता को भी 50 फीसदी पेंशन मिलेगी.*

मानसिक विमंदित या निशक्त बच्चों को शादी के बाद भी पारिवारिक पेंशन मिलेगी.
पहले 8550 की जगह सीमा बढ़ाकर 13750 तक की.
पहले शादी के बाद निःशक्त बच्चों को पारिवारिक पेंशन नहीं थी.

राजस्थान पर्यटन सेवा नियम में संशोधन.
अब चौथा प्रमोशन भी मिलेगा.
वरिष्ठ निदेशक को भी मिल सकेगा प्रमोशन.

2024-25 के बजट में प्रदेश में खेलों और शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए प्रतिभाशाली युवाओं को आधुनिक उपकरणों के साथ वैज्ञानिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने, विभिन्न खेलों के उच्चस्तरीय कोच एवं खेल विशेषज्ञ तैयार करने के लिए महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी स्थापित करने की घोषणा की गई थी. 

राजमेस कॉलेजों में एनआरआई कोटा सीटों की फीस को तर्कसंगत बनाते हुए संशोधन का निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार राजमेस कॉलेजों में एनआरआई सीटों की फीस को मैनेजमेंट कोटा की फीस का ढाई गुना किया गया है. इस संशोधित व्यवस्था से वर्ष 2025-26 के प्रवेश सत्र में एनआरआई सीटों की फीस घटकर लगभग 23 लाख 93 हजार रुपए प्रतिवर्ष रह जाएगी जो निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की औसत फीस के लगभग बराबर है. इससे प्रतिभाशाली एनआरआई विद्यार्थी राजमेस मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए आकर्षित होंगे और राजमेस सोसायटी को प्रतिवर्ष लगभग 45 करोड़ रुपए तक अतिरिक्त आय प्राप्त होगी.

राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसाइटी (राजमेस) द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटें गवर्नमेंट फीस कोटा, 35 प्रतिशत सीटें मैनेजमेंट कोटा और 15 प्रतिशत सीटें एनआरआई कोटा की हैं. इन कॉलेजों में एनआरआई सीटों की वार्षिक फीस डॉलर में निर्धारित होने और इसमें 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का प्रावधान होने के कारण यह अब तक 31 लाख रुपए तक पहुंच चुकी थी, जबकि निजी मेडिकल कॉलेजों की औसत फीस लगभग 24 लाख रुपए प्रतिवर्ष है. ऐसे में प्रतिभाशाली एनआरआई विद्यार्थी निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश ले लेते थे और अधिक फीस के कारण राजमेस कॉलेजों में एनआरआई कोटा की काफी सीटें खाली रह जाती थीं. बाद में इन खाली सीटों को करीब 9 लाख रुपए वार्षिक फीस वाली मैनेजमेंट कोटा की सीटों में परिवर्तित करना पड़ता था जिससे इन कॉलेजों को राजस्व की हानि होती थी. 

राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम-1996 के नियम 62(IV) में दिवंगत कार्मिक के माता-पिता के मामले में कार्मिक की कुल परिलब्धियों की 30 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन दिए जाने का प्रावधान है. राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस नियम को विलोपित करने का निर्णय लिया गया. अब माता-पिता को भी नियम 62(III) के अनुसार ही बढ़ी हुई पेंशन (अधिकतम 50 प्रतिशत तक) का लाभ प्राप्त हो सकेगा, जो कार्मिक के जीवित होने पर बनती है. 

साथ ही, राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम-1996 के नियम 67 में संशोधन की स्वीकृति भी आज दी गई. इस संशोधन के अनुसार अब मानसिक या शारीरिक निशक्तता से ग्रसित पुत्र अथवा पुत्री को विवाह उपरांत भी पारिवारिक पेंशन प्राप्त हो सकेगी. 

5,200 मेगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं हेतु सशर्त कीमतन भूमि आवंटित करने की स्वीकृति भी आज मंत्रिमंडल द्वारा प्रदान की गई है. इन इकाइयों की स्थापना से प्रदेश में अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों का सृजन भी होगा.

राजस्थान पर्यटन सेवा संवर्ग में स्वीकृत चतुर्थ पदोन्नति के पद वरिष्ठ अतिरिक्त निदेशक पर पदोन्नति के लिए प्रावधान निर्धारित किये जाने हेतु राजस्थान पर्यटन सेवा नियम, 1976 में प्रस्तावित संशोधनों का भी आज अनुमोदन किया गया. साथ ही, राजस्थान पुरातत्व एवं संग्रहालय सेवा नियम, 1960 में संयुक्त निदेशक (पे लेवल-18) के नवसृजित पद को शामिल किया जाएगा.

कैबिनेट में लिए निर्णयों की जानकारी डिप्टी सीरम डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा और संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने जानकारी दी.