CM भजनलाल शर्मा ने 4 सोलर प्रोजेक्ट के लिए भूमि आवंटन को दी मंजूरी, कहा- प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे सोलर प्रोजेक्ट

जयपुर: राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार फैसले ले रही है. राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में सरप्लस एनर्जी स्टेट बनाने के संकल्प को शीघ्र पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने 4 सोलर प्रोजेक्ट के लिए भूमि आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. 

बीकानेर जिले में 2450 मेगावाट के 3 सोलर पार्काे की स्थापना के लिए राजस्थान सोलर पार्क डवलपमेंट कंपनी को कुल 4780 हैक्टेयर और फलौदी जिले में 500 मेगावाट के एक सोलर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड को लगभग 910 हैक्टेयर भूमि आवंटन को मंजूरी दी गई है.
बीकानेर जिले में एक-एक हजार मेगावाट के दो और 450 मेगावाट का एक सोलर पार्क स्थापित किया जायेंगा. पहले सोलर पार्क के लिए पूगल तहसील के ग्राम सूरासर में लगभग 1881 हैक्टेयर भूमि आवंटन को मंजूरी दी गई है. इसी तरह एक हजार मेगावाट के दूसरे सोलर पार्क के लिए दो हजार हैक्टेयर भूमि आवंटित की जायेंगी जिसमें से 1194 हैक्टेयर भूमि सूरासर तथा लगभग 807 हैक्टेयर भूमि ग्राम भणावतावाला में स्थित है.

इसी प्रकार बीकानेर जिले में ही 450 मेगावाट के तीसरे सोलर पार्क की स्थापना को छत्तरगढ़ तहसील के ग्राम सरदारपुरा में 900 हैक्टेयर भूमि आवंटन को मंजूरी दी गई है. ये  सोलर पार्क राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय केन्द्र सरकार की सौर पार्क योजना के अन्तर्गत 3 चरणों में विकसित किये जायेंगे. भजन लाल ने इसके साथ ही एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड को 500 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए फलौदी जिले की बाप तहसील में ग्राम भड़ला में 910 हैक्टेयर भूमि आवंटन को मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सोलर प्रोजेक्ट्स के माध्यम से राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का हमारा संकल्प साकार होगा और ये प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ ही क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी.

ये सोलर प्रोजेक्ट्स पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएंगे और सालाना लगभग 2 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. इन सोलर पार्क्स में अत्याधुनिक सौर पैनल्स और ग्रिड टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिससे ऊर्जा उत्पादन की क्षमता में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश में लगभग 10 हजार करोड़ का निवेश भी होगा. एमएनआरई अनुमोदित परियोजना होने से 33 प्रतिशत अनुदान मिलेगा तथा अगले दो वर्ष में पूरा किया जा सकेगा. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10 मार्च को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड एवं एनएलसी इंडिया लिमिटेड के मध्य 3325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाएं एवं 28,500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं संयुक्त उपक्रम के तहत स्थापित करने को 1 लाख 50 हजार करोड़ रूपये एमओयू किये गये थे.

साथ ही प्रसारण तंत्र को सुदृढ करने के लिए पावरग्रिड कॉर्पोरेशन के साथ 26ः74 शेयर धारिता के अनुपात में संयुक्त उपक्रम की स्थापना को एमओयू किया गया जिसके तहत 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा. इसके अतिरिक्त राजस्थान ऊर्जा विकास निगम और एसजेवीएन के मध्य 600 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये गये. 3200 मेगावाट कोल आधारित परियोजना, 8000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया माध्यम से करने हेतु प्रक्रिया प्रारंभ की गयी है. इन परियोजनाओं की स्थापना से लगभग 64 हजार करोड़ रूपये का निवेश हो सकेगा.