VIDEO: राजस्थान कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव, नए सिरे से हुई संभाग औऱ जिला प्रभारियों की नियुक्ति, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान कांग्रेस संगठन को सक्रिय और मजबूत करने की दिशा में नए सिरे से संभाग और जिला प्रभारियों की नियुक्तियां की गई है. प्रदेश नेतृत्व ने 47 संभाग औऱ जिला प्रभारियों की सूची जारी की है. बदलाव के तहत कुछ जगह को छोड़कर प्रभारियों को इधर से उधर लगाया गया है. वहीं कुछ प्रभारियों को हटाया भी गया है. सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग से 18 नेताओं को प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है. 

हाईकमान से हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व संगठन की मजबूती के टास्क में जुट गया है. 200 विधानसभा प्रभारी लगने के बाद अब जिला और संभाग प्रभारियों में बड़ा बदलाव किया गया है. सभा सातों संभागों और कांग्रेस के संगठन के हिसाब से 40 जिलों में प्रभारियों की नए सिरे से नियुक्तियां की गई है.

--- कांग्रेस ने बदले संभाग औऱ जिलों में प्रभारी --- 
- टोटल 47 संभाग औऱ जिला प्रभारियों की सूची की जारी
- कई प्रभारियों के बदले संभाग औऱ जिले
- कुछ प्रभारियों को किया गया ड्रॉप
- नियुक्तियों में जातिगत,सियासी औऱ स्थानीय समीकरणों का रखा ख्याल
- 9 विधायकों को भी लगाया गया प्रभारी
- 9 पूर्व विधायकों को भी बनाया गया इंचार्ज
- ओबीसी वर्ग से सबसे ज्यादा बने 18 प्रभारी
- 8 महिला पदाधिकारियों को भी मिली प्रभारी पद की जिम्मेदारी
- दो अल्पसंख्यक चेहरों को बनाया संभाग औऱ जिलों में प्रभारी
- एसी-एसटी वर्ग से 9 और जनरल कैटेगरी के बने 9 प्रभारी
- कुछ प्रभारियों को पुरानी जगह रखा गया यथावत

दरअसल पहले लगाए गए पीसीसी प्रभारियों की वर्किंग स्टाइल का प्रदेश नेतृत्व लंबे समय से निगरानी कर रहा था. ऐेसें कईं कारणों के चलते लीडरशिप को फिर नए सिरे से नियुक्तियां करनी पड़ी. पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा का कहना है कि संगठन की मजबूती के लिए हर कदम उठाया जाएगा. जो नेता सक्रिय रहेगा और पार्टी के लिए काम करेगा उसे ही अब मौका मिलेगा.

 

कांग्रेस में संभाग औऱ जिलों में लगे प्रभारी पार्टी की गतिविधियों की निगरानी करते हैं. फिर प्रभार वाले क्षेत्रों की समय समय पर रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को देते हैं. इन प्रभारियों को 28 मार्च को अपने अपने प्रभार वाले संभाग और जिलों में जाने के निर्देश पीसीसी चीफ ने दिए हैं. सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने,संगठन को सक्रिय करने,बैठक लेने औऱ पंचायत-निकायों के परिसीमन से जुड़े काम पर निगरानी रखने जैसा टास्क इन प्रभारियों के जिम्मे रहेगा.

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