नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने आज दोपहर कहा कि ब्रिक्स समूह छह देशों को पूर्ण सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करेगा. ये देश मिस्र, इथियोपिया, ईरान, अर्जेंटीना, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब हैं, और यह देश ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका के समुह में शामिल हो जाएंगे. यह सदस्यता अगले साल 1 जनवरी से प्रभावी होगी.
रामफोसा ने जोहान्सबर्ग में कहा कि, "ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया के पहले चरण पर हमारी आम सहमति है," हमने अर्जेंटीना रिपब्लिक, अरब रिपब्लिक ऑफ इजिप्ट, इथियोपिया के संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य, ईरान के इस्लामी गणराज्य को सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित करके पूर्ण सदस्य बनाने का निर्णय लिया है." उन्होंने आगे कहा कि, "सदस्यता पहली जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी." उन्होंने कहा, "हम ब्रिक्स के साथ साझेदारी बनाने में अन्य देशों के हितों को महत्व देते हैं और हमने अपने विदेश मंत्रियों को ब्रिक्स साझेदारी मॉडल और संभावित देशों (जो समूह में शामिल होना चाहते हैं) की सूची को और विकसित करने का काम सौंपा है."
ब्रिक्स का अहम फोकस:
इस ब्रिक्स सम्मेलन में ब्रिक्स विस्तार एक प्रमुख फोकस क्षेत्र रहा है और 20 से अधिक देश पहले ही पूर्ण सदस्यता के लिए आवेदन कर चुके हैं. विस्तार आह्वान को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भी समर्थन प्राप्त था, जिन्होंने कहा कि, "हमें ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है. अपनी शक्तियों को वैश्विक शासन को अधिक न्यायसंगत और न्यायसंगत बनाने के लिए अपनी बुद्धि को एकजुट करने की."