ऑनलाइन जुआ, सट्टेबाजी और गेमिंग के खिलाफ राज्यों की सहमति से केंद्रीय कानून बनाया जा सकता है- Ashwini Vaishnaw

ऑनलाइन जुआ, सट्टेबाजी और गेमिंग के खिलाफ राज्यों की सहमति से केंद्रीय कानून बनाया जा सकता है- Ashwini Vaishnaw

नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने ऑनलाइन जुए, सट्टेबाजी और गेमिंग से समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों पर चिंता जताई . इस पर सरकार ने कहा कि वह इस तरह की गतिविधियों के सख्ती से विनियमन के लिए गंभीर है और सभी हितधारकों एवं राज्यों के साथ सहमति बनने पर इसके लिए एक केंद्रीय कानून लाया जा सकता है.

सदन में प्रश्नकाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद राजेंद्र अग्रवाल, द्रमुक सांसद टी सुमति और कांग्रेस सदस्य के. मुरलीधरन ने ऑनलाइन गेमिंग और जुए जैसी गतिविधियों की लत में आने के बाद लोगों के बर्बाद हो जाने और कुछ मामलों में नौजवानों द्वारा कथित रूप से आत्महत्या किये जाने का मुद्दा उठाया. सदस्यों के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह विषय संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत राज्यों के अधिकार क्षेत्र का है, लेकिन इस विषय की जटिलता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयीन कार्यबल बनाया था जिसने सभी हितधारकों से चर्चा की और तय हुआ कि इस मामले में केंद्र स्तर पर भी विनियमन की जरूरत है.

एक केंद्रीय कानून लाया जा सकता है:
उन्होंने कहा कि इस तरह के ऐप मध्यवर्ती (इंटरमीडियेटरी) के दायरे में आते हैं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में मध्यवर्ती नियमों के तहत सरकार ने पहल की है और वह इस दिशा में सजग है. वैष्णव ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों के विनियमन के लिए सभी दलों को सहमति बनानी होगी. मेरा मानना है कि इसके लिए एक केंद्रीय कानून लाया जा सकता है.

अदालतों ने भी इसकी अलग-अलग व्याख्या की:
इससे पहले भाजपा सांसद अग्रवाल ने कुछ ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप का जिक्र करते हुए कहा था कि इनका प्रचार क्रिकेट समेत विभिन्न क्षेत्रों की शख्सियत करती हैं जिससे युवा प्रभावित होते हैं और फंसकर अपना धन लुटा देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राज्यों में ये गतिविधियां अवैध नहीं होतीं और इन्हें सरकार से मान्यता प्राप्त होती है. वैष्णव ने कहा कि 19 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस संबंध में अपने कानून बनाये हैं और 17 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने सार्वजनिक जुआ अधिनियम में संशोधन किया है. उन्होंने कहा कि यह बहुत जटिल विषय है और विभिन्न अदालतों ने भी इसकी अलग-अलग व्याख्या की है. सोर्स-भाषा