जयपुर: हरियाणा और जम्मू कश्मीर में बीजेपी ने कमल के सिंबल पर मुसलमान नेताओं को उतारकर धारणा को बदलने का काम किया या फिर मुस्लिमों को लेकर नई रणनीति को अपनाया है. बदलते ट्रेंड के मिजाज़ को भांपते हुए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने छह उप चुनावो में झुंझुनूं विधानसभा सीट से दावा जता दिया है.
तकरीबन 15साल हो चुके है बीजेपी को झुंझुनूं विधानसभा सीट पर जीते लगातार चार बार से ओला परिवार और कांग्रेस का वरदहस्त यहां जारी है. आखिरी बार बीजेपी उम्मीदवार के रूप में सुमित्रा सिंह ने चुनाव जीता था. हालांकि आजादी के बाद से ही झुंझुनूं सीट बीजेपी के लिए कमजोर कड़ी रही है. यही कारण है कि बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने यहां से दावा ठोक दिया है. झुंझुनूं विधानसभा सीट पर मुस्लिम वर्ग बहुतायत में निवास करता है. यहां बीजेपी ने एक बार मुस्लिम चेहरे गुल मोहम्मद को चुनाव टिकट दिया था लेकिन जीत नसीब नही हुई थी उसका कारण था सुमित्रा सिंह का. अपने दम पर मैदान में उतरना. अब बीजेपी के मुस्लिम नेता चाह रहे है कि पार्टी को यहां प्रयोग करना चाहिए. हरियाणा में भाजपा ने फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद और पुन्हाना विधानसभा सीट से एजाज खान को टिकट दिया है. वही जम्मू कश्मीर में घाटी में बीजेपी ने 20से अधिक मुस्लिम चेहरे उतारे है. बदलते समीकरणों में बीजेपी को ये लगता है कि मुस्लिम चेहरे ही यहां मजबूत है इसलिए टिकट थमाए है. राजस्थान बीजेपी के मुस्लिम नेताओं को हरियाणा और कश्मीर के घटनाक्रम से बल मिला है.
जनता पार्टी के दौर में 1977 के चुनाव में गुल मोहम्मद मंसूरी,जहूर खान और अयूब खान विधायक बने. 1980 में बीजेपी के जन्म के बाद भी मुस्लिम नेताओं को टिकट मिला और मंत्री भी बनाए गए. इनमें रमजान खान, युनूस खान समेत प्रमुख नेता अब्दुल सगीर और हबीबुर्रहमान सरीखे नेता विधायक बने. 2018 के विधानसभा में चुनाव में केवल 1 टिकट युनुस खान को दी थी,2013 के विधानसभा चुनाव में युनुस खान, हबीबुर्रहमान ,अब्दुल सगीर को टिकट मिला. भैरों सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे सरकार में अन्य सेवाओं से मुस्लिम चेहरे आईएएस बनाकर कलेक्टर भी बनाए गए. पिछले बीजेपी शासन में अबू बकर नकवी, मेहरूनिसा टाक अमीन पठान, अब्दुल सगीर और असरफ खिलजी सरीखे नेताओं को राजनेतिक नियुक्ति देकर राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया. लेकिन बीते विधानसभा और लोकसभा चुनाव में एक भी टिकट मुस्लिम को नहीं दिया गया. लिहाजा मुस्लिम वोट बैंक बीजेपी से दूर होता गया. अब झुंझुनूं सीट पर ही बीजेपी के मुस्लिम नेताओं का क्यों दावा.
--- BJP अल्पसंख्यक मोर्चा का झुंझुनूं सीट पर तर्क ---
निर्णायक मुस्लिम आबादी के कारण दावा
गैर जाट वोट के साथ आने की उम्मीद
पहले भी बीजेपी के मुस्लिम चेहरे को यहां वोट मिले
माहिर आजाद ने अपने दम पर यहां चुनाव जीता था
एससी और अन्य वर्गो का माहिर को साथ मिला था
कांग्रेस के वोट बैंक में लग सकती है बड़ी सेंध