बजट बहस पर मुख्यमंत्री गहलोत का जवाब, कहा-हमने बजट में ERCP के लिए फंड की घोषणा की

जयपुर: बजट बहस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में जवाब देते हुए कहा कि पूनिया साहब बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे, लेकिन उन बातों में कोई दम नहीं है. आज आपकी बात सुनने वाला कोई नहीं है. केंद्र सरकार ने राजस्थान वासियों को गुमराह किया है. हमने रिफाइनरी लगवाई आपकी पार्टी ने उसका काम नहीं किया. राजस्थान की जनता आप लोगों को माफ नहीं करेगी. इतनी शानदार योजनाओं को आपने सही नहीं माना. आपने ERCP के लिए कुछ काम नहीं किया. ERCP योजना से प्रदेश के 13 जिलों को फायदा होगा. केंद्र के बजट में ERCP के लिए कुछ भी नहीं मिला. हमने बजट में ERCP के लिए फंड की घोषणा की. पूनिया जी आपका पद बहुत बड़ा है. आप खुद ही पीएम से इसके बारे में बात कर सकते हैं.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कटारिया साहब असम के राज्यपाल बने हैं. मैं सदन की और से और अपनी और से बधाई शुभकामनाएं देता हूं. हरिदेव जोशी और शिवचरण माथुर भी असम के राज्यपाल रहे है. शानदार वित्तीय प्रबंधन के कारण हम हर सेक्टर में सफल रहे है. युवा किसान पेंशनधारी और किसानों के लिए जो बजट दिया है. उसकी देश भर में तारीफ हो रही है. जहां-जहां भी चुनाव होंगे वहां हमारे बजट को आधार बनाकर घोषणापत्र बनाया जाएगा. राज्य सरकार प्रतिव्यक्ति आय बढ़ाने के सतत प्रयास कर रही है. पिछले 11 वर्षों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. चार साल में 10.01 की औसत बढ़ोतरी हुई है. अखिल भारतीय स्तर पर 7 प्रतिशत ही रही है.

इससे पहले सतीश पूनियां ने कहा कि बजट की गोपनीयता भंग हुई, जो घटनाक्रम यहां हुआ वो कभी नहीं हुआ. राज्य में सबसे ज्यादा पेपर लीक कादंश है. पेपर लीक के गिरोह का प्रभाव इतना है कि बजट को भी लीक किया है. राज्य में कोई बच्चा पैदा होगा तो उसका कर्ज 90 हजार रुपए होगा.  ये राजस्थान की डूबत है. हैप्पीनेस इंडेक्स की सबसे ज्यादा जरूरत है तो मेरे सामने वाले पक्ष को है. इन्होंने 2018 से ही हैप्पीनेस का नज़ारा नहीं देखा होगा. जहां मंत्रिमंडल और कमरों पर झगड़ा हो. राजस्थान चार साल से राजनैतिक अस्थिरता में है. भारत आज ब्रिटेन जो पछाड़कर पांचवी अर्थव्यवस्था बना है. 

मातृशक्ति को सम्मान देने का काम पीएम मोदी ने किया है. 47 करोड़ बैंक के खाते खुले हैं. कोविड जैसी महामारी का संकट था, तब देश के लोगों को वैक्सीन लगी. पीएम की दूरदृष्टि है कि उन्होंने कोविड में लगातार देश के लोगों को अन्न देने का काम किया. किसान के 10 दिन में पूरा कर्ज माफ करने की बात की. 200 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की. राजस्थान में पेपर लीक से बड़ा कोई अपराध नहीं है. कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती करते है. 1 दिन बुलडोजर चलाया वो भी मकान मालिक पर चलाया, किराएदार फरार है. हद तो तब हो गई, जब सार्वजनिक समारोह में पूछा गया. क्या तबादलों में पैसे लिए जाते हैं, तो आवाज़ दो बार आई हां लिए जाते हैं. ड्राप आउट के लिए बच्चों का बजट इस बार कम हुआ है. 32 प्रतिशत प्रदेश के स्कूलों में बिजली ही नहीं है.