जयपुर: बिजली की बढ़ती मांग के बीच कोयला संकट गहराता जा रहा है! जनवरी के दूसरे पखवाड़े में 3200 लाख यूनिट के पार डिमाण्ड पहुंची, जबकि दूसरी ओर प्रदेश के अधिकांश बड़े बिजलीघरों में कोल संकट है.
छत्तीसगढ़ स्थित PEKB माइंस से कोयला नहीं मिलने के चलते दिक्कतें आ रही है. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए, तो कोटा थर्मल में 3 दिन, सूरतगढ़ थर्मल में कोयले में 1 दिन, छबड़ा थर्मल में 1 दिन, छबड़ा सुपर क्रिटिकल में 5 दिन, कालीसिंध थर्मल पावर प्रोजेक्ट में 4 दिन का कोयला बचा है.
#Jaipur: बिजली की बढ़ती मांग के बीच गहराता कोयला संकट !
— First India News (@1stIndiaNews) January 16, 2024
जनवरी के दूसरे पखवाड़े में 3200 लाख यूनिट के पार पहुंची डिमाण्ड, जबकि दूसरी ओर प्रदेश के अधिकांश बड़े बिजलीघरों में कोल संकट...#RajasthanWithFirstIndia #JaipurNews @RajGovOfficial @hlnagar @ml_vikas pic.twitter.com/P0KQpLQGOV
हालांकि,सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल में 7 दिन का कोयला शेष है, लेकिन विदेशी कोयले को हटा दे तो यहां पर भी सिर्फ चार दिन का कोयला है. कोयले की दिक्कतों के समाधान के लिए एक्टिव ऊर्जा विभाग-CMO, छत्तीसगढ़ के अलावा दिल्ली में अधिकारियों के साथ लगातार संवाद जारी है.