धौलपुर: जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने एक मासूम नाबालिग को हवस का शिकार बनाने के मामले में एक आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे बीस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई हैं. साथ ही 50 हजार रुपये के जुर्माने से दण्डित किया हैं.
मामले की जानकारी देते हुए विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि मामला धौलपुर जिले के महिला थाना इलाके का हैं जहां महिला पुलिस थाना पर एक परिवादी ने 17 मई 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमे उसने बताया कि 16 मई 2019 की रात को वह अपने घर पास बने चबूतरे पर सो रहा था तभी उसे अपनी बेटी के रोने और चिल्लाने की आवाज सुन कर वह जाग गया और देखा कि उसकी 9 वर्षीय मासूम बेटी खून से लथपथ अवस्था में मिली.
खून से लथपथ अवस्था में बेटी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया बेटी ने चिकित्सालय में उपचार के दौरान परिजनों को बताया कि प्रवेश उर्फ़ पिर्रे ने उसे टॉफी देने के बहाने यह सब कुछ किया हैं. मासूम के परिजनों ने महिला पुलिस थाना पर नामजद आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कराया पुलिस ने मासूम का रेप सम्बन्धी मेडीकल कराया और बयान दर्ज कर अनुसन्धान शुरू किया. पुलिस ने मुल्जिम प्रवेश उर्फ़ पिर्रे को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह नाबालिग निकला.
पुलिस ने बालक को निरुद्ध कर किशोर न्यायालय में पेश किया और आरोप पत्र पेश किया लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि किशोर न्यायालय ने बालक प्रवेश उर्फ़ पिर्रे के विरुद्ध वयस्कों की तरह सुनवाई के लिए पत्रावली पॉक्सो न्यायालय में भेज दी जहां कोर्ट में मुल्जिम प्रवेश के विरुद्ध वयस्कों की तरह सुनवाई हुई लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि कोर्ट में ट्रायल के दौरान 23 गवाह पेश किये गए. प्रकरण में न्यायाधीश जमीर हुसैन ने दोनों पक्षों की बहस और लोक अभियोजक की दलील सुनने के बाद आज आरोपी प्रवेश उर्फ़ पिर्रे पुत्र मान सिंह को दोषी मानते हुए बीस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई हैं. साथ ही आरोपी को पचास हजार रुपये के अर्थ दंड से दण्डित किया हैं.