VIDEO: कर्मचारी संघ की फिर खुल गई कैंटीन, इस बार कर्मचारियों की समस्या का हुआ समाधान, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: काफी समय से सचिवालय कर्मचारियों की सियासत का केंद्र रही कर्मचारी संघ की कैंटीन फिर खुल गई है. इससे एकबारगी तो कर्मचारियों की समस्या का समाधान हुआ है लेकिन बैठकों के लिए खाद्य और पेय सामग्री के करोड़ों के बिल के भुगतान का मसला अटका हुआ है. 

सचिवालय में करीब चार कैंटीन हैं लेकिन कर्मचारी संघ की कैंटीन हमेशा से ही चर्चाओं के केंद्र में रही है. वजह है - मंत्रियों की बैठकों के लिए करोड़ों के बिलों का भुगतान और इस बार भी यह मसला फिर उभर रहा है .

क्या है अब तक का बैकग्राउंड
-वर्षों से मैसर्स अंबरवाला ग्रुप सचिवालय कर्मचारी संघ की कैंटीन का संचालन कर रहा था लेकिन अगस्त 2024 में इसका ठेका समाप्त हो गया था.
-इस दरम्यान इस ग्रुप के संचालन के दौरान खाद्य पदार्थ में कॉकरोच और दूषित भोजन की शिकायत सामने आती रही थी.
-इसी बीच पूर्व कर्मचारी संघ अध्यक्ष के कार्यकाल में इस कैंटीन का सामान खाली करके फेंका गया और ग्रुप ने दुर्व्यवहार की शिकायत की. 
-इसके बाद 28 अप्रैल 2025 को अप्रैल में मैसर्स मिलन स्वीट्स को दिया गया था ठेका
-उसके द्वारा कुछ समय संचालन के बाद पुराने कैंटीन संचालक ने लिया था स्टे
-हाईकोर्ट ने नए कैंटीन संचालक को दिए टेंडर की प्रक्रिया में मानी थी खामी
-अंबरवाला ग्रुप की याचिका पर दिए निर्णय में कैंटीन संचालन के जारी किए नए वर्कऑर्डर पर  लगाया था स्टे 
-मैसर्स मिलन स्वीट्स को जारी किए नए वर्क ऑर्डर पर लगाया था स्टे 
-अब अंबरवाला ग्रुप ने किया संचालन शुरू 

इसके बावजूद अभी भी अंबरवाला ग्रुप के डेढ़ करोड़ से ज्यादा के बिलों के भुगतान का मसला अटका हुआ है.