जैसलमेर में मिले 15 लाख साल पहले आदि मानव जीवन काल के प्रमाण, काक नदी के किनारे पहाड़ियों में मिले पत्थर के हथियार व औजार

जैसलमेर: जैसलमेर से करीब 30 किमी दूर काक नदी से लगते किनारे की पहाड़ियों में आदि मानव के प्रमाण मिले हैं. हथियार और औजार करीब 5 लाख साल पहले के हैं. इन्हें खोजने का क्रेडिट वरिष्ठ पुरातत्वविद और आदि मानव सभ्यता के विशेषज्ञ डॉ. नारायण व्यास को जाता है. पत्थर की कुल्हाड़ी और स्क्रेपर आदि मिलने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आदि मानव सभ्यता के विकास क्रम में जैसलमेर मौजूद रहा है. दरअसल, डॉ. नारायण व्यास को कुछ साल पहले भी यहां और आस-पास के इलाकों में पुराने पत्थर और औजार मिले थे. अब इस हफ्ते खोज में मिले पत्थरों के औजार और हथियारों से जैसलमेर में आदि मानव की मौजूदगी पुख्ता हो गई है.

पुरातत्वविद व आदि मानव सभ्यता के विशेषज्ञ डॉ. नारायण व्यास ने बताया कि जैसलमेर में लाखों साल पहले महासमुद्र हुआ करता था. उसके बाद रेगिस्तान, जंगल और फिर पेड़ों के जीवाश्म भी मिल चुके हैं. फिर आदि मानव यहां पहुंचा. हर तरह की सुविधा मिलने पर उन्होंने लाखों साल तक यहीं निवास किया. उनकी सभ्यताओं का क्रम यहां मिलता है. पहाड़ों व पठारों की बसावट, ढलानों व बरसाती नालों में आदि मानव के औजार मिले हैं. इससे यह साबित होता है कि आदि मानव की गुफाएं भी मौजूद रही होंगी. ये गुफाएं फिलहाल नजर नहीं आती हैं. वह भू-गर्भीय हलचल व बरसाती पानी से नष्ट हो चुकी है. उन्होंने बताया कि इससे पहले बरमसर, भोजका, ओला, मेहररी, कुण्डा, चूंधी गणेश मंदिर व काले डूंगर राय मंदिर के आसपास भी आदि मानव काल व प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष मिल चुके हैं. इनमें मुख्य रूप से कुल्हाड़ी व स्क्रैपर (खुरचनी) मिली है.

छोटे-छोटे रूप में मिले औजार और हथियार
डॉ.नारायण व्यास ने बताया कि इस हफ्ते की गई खोज में जैसलमेर के खोजकर्ता पार्थ जगाणी उनके साथ रहे. काक नदी के किनारे जो कभी सरस्वती नदी की सहायक नदी हुआ करती थी, के आसपास स्थित पहाड़ियों का हमने मिलकर भ्रमण किया. उन्होंने बताया कि वहां बड़े चौंकाने वाले फैक्ट मिले हैं. एक तो जो हथियार मिले हैं वे पहले मिले पत्थरों के हथियारों से छोटे हैं. इसका मतलब साफ है कि यह विकास का क्रम है. जैसे-जैसे आदि मानव ने हथियारों का उपयोग किया, अपनी सुविधा के अनुसार हथियार छोटे कर दिए ताकि शिकार करने में तो घातक रहने के साथ साथ उनका उपयोग करने में भी आसानी रहे. उन्होंने जैसलमेर जिले में आधुनिक तकनीक से पुरा तात्विक सर्वेक्षण, ऐसी जगहों के संरक्षण व युवाओं द्वारा इतिहास के संरक्षण व शोध के महत्व पर जोर दिया.