जयपुर: लोकसभा चुनाव के चलते केंद्र सरकार कल अंतिम बजट यानी लेखानुदान पेश करने जा रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल अंतिरिम बजट पेश करेंगी. दरअसल अंतरिम बजट को लेकर आम जन में गफलत है कि इसमें किसी तरह की घोषणाएं होंगी. हम आपको बता दें कि अंतरिम बजट में किसी तरह की घोषणाएं नहीं की जाती वरन एक तिमाही के लिए संविधान के अनुच्छेद 116 के तहत सरकार अंतरिम बजट यानी लेखानुदान पेश करती है. इस लेखानुदान में एक तिमाही में योजनाओं के वित्त पोषण के लिए अनुमानित खर्च के अनुमोदन को सदन के पटल पर रखा जाता है. संविधान के अनुच्छेद 116 के तहत सरकार को अग्रिम आवंटन को दर्शाता है. जो विशेष रूप से सरकार के अप्ल्कालिक व्यय आवश्यकताओं को परिभाषित करता है. 'वोट ऑन अकाउंट' जब नया वित्तीय वर्ष शुरू होगा तो सरकार को समेकित निधि से कोई भी पैसा खर्च करने की अनुमति देता है. आई आपको ग्राफिक्स के जरिए समझते हैं पूर्ण बजट और अंतिम बजट में क्या अंतर होता है.
पूर्ण बजट
- केंद्रीय बजट केंद्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत किया जाने वाला एक वार्षिक बजट है.
- आम बजट लोकसभा में पूरी चर्चा के बाद पारित किया जाता है.
- आम बजट में पिछले वित्त वर्ष के आय और व्यय का विवरण विस्तार से दिया जाता है.
- बजट हमेशा एक पूरे किसी वित्त वर्ष के लिए पेश किया जाता है, जिसे पूर्ण बजट भी कहा जाता है.
- आम बजट में सरकार की ओर से कई नई योजनाओं की घोषणा भी की जाती है.
- आम बजट में सरकार की ओर से कई नई योजनाओं की घोषणा भी की जाती है और इसके लिए कोष तय किये जाते है.
- केंद्रीय बजट के 2 अलग- अलग भाग होते है. एक सरकार के खर्चों के बारें में होता है. दूसरा भाग सरकार द्वारा विभिन्न उपायों के माध्यम से धन जुटाने की योजना पर आधारित होता है.
अंतरिम बजट
- अंतरिम बजट चुनावी वर्ष के दौरान, वित्तीय वर्ष के 3 महीने की अवधि के लिए पेश किया जाता है.
- अंतरिम बजट आम चुनावों से ठीक पहले पेश किया जाता है.
- अंतरिम बजट को संसद में बिना किसी चर्चा के पेश किया जाता है. जिसे लेखानुदान भी कहा जाता है.
- अंतरिम बजट में पिछले वित्त वर्ष के आय और व्यय का एक सामान्य विवरण पेश किया जाता है.
- यह केवल सरकार की आवश्यक सेवाओं को जारी रखने के लिए पेश किया जाता है.
- अंतरिम बजट में किसी भी प्रकार की नई योजनाओं की घोषणा नहीं की जाती है.
- अंतरिम बजट में सरकार के आय के स्रोतों का विवरण नहीं दिया जाता.
- इसमें अगली सरकार के गठन से पहले के लिए सरकार के जरुरी खर्चों के लिए पेश किया जाता है.