उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में जी-20 सतत वित्त कार्य समूह (एसएफडब्ल्यूजी) की बैठक के तीसरे एवं अंतिम दिन बृहस्पतिवार को सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के लिए वित्त से संबंधित मामलों पर जी-20 की कार्यशाला संपन्न हो गई.
उदयपुर में 21-23 मार्च तक आयोजित तीन दिवसीय बैठक में जी-20 के सदस्य देशों, 10 आमंत्रित देशों के साथ-साथ एशियाई विकास बैंक, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम जैसे 18 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 93 प्रतिनिधियों ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया. इस बैठक में कई अन्य संगठन डिजिटल माध्यम से सम्मिलित हुए. तीन दिवसीय बैठक में वर्ष 2023 के दौरान एसएफडब्ल्यूजी कार्य योजना पर अधिक विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें तीन निर्धारित प्राथमिकताओं वाले क्षेत्र शामिल हैं, पहला - जलवायु वित्तपोषण के लिए यथासमय और समुचित संसाधन जुटाने के लिए तंत्र, दूसरा सतत विकास लक्ष्यों के लिए वित्तपोषण को संभव बनाना और तीसरा सतत विकास के उद्देश्य से वित्तपोषण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर क्षमता निर्माण.
वातावरण बनाने के महत्व को रेखांकित किया गया:
संपूर्ण सत्र के दौरान एसएफडब्ल्यूजी के तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर सदस्यों के बीच चर्चा हुई और इस संबंध में सुझाव प्राप्त किए गए. बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र की उत्प्रेरक भूमिका पर भी बल दिया गया और जलवायु संबंधी कार्रवाई के लिए वित्त बढ़ाने में सक्षम वातावरण बनाने के महत्व को रेखांकित किया गया. इस कार्यशाला में एसडीजी के वित्तपोषण के लिए मौजूदा परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ एसडीजी के लिए अधिक से अधिक वित्त जुटाने की नयी कार्यप्रणालियों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करने के मकसद से तीन सत्र आयोजित किए गए.
जी-20 सदस्यों के बीच आपसी तालमेल बढ़ेगा:
बैठक में दो कार्यशालाएं आयोजित की गईं जिसमें जी-20 प्रतिनिधियों के बीच हितधारकों की विस्तृत श्रृंखला सहित वार्ता को सुविधाजनक बनाने और देश के अनुभवों और सर्वोत्तम कार्यप्रणाली को साझा करने के लिए ज्ञान साझाकरण मंच तैयार करने से संबंधित विषय पर ध्यान केंद्रित किया गया. इस कार्यशाला से जी-20 सदस्यों के बीच आपसी तालमेल बढ़ेगा. सोर्स-भाषा