सरकार रख रही खाद्य पदार्थों की कीमतों व मांग-आपूर्ति की स्थिति पर बारीकी से नजर

सरकार रख रही खाद्य पदार्थों की कीमतों व मांग-आपूर्ति की स्थिति पर बारीकी से नजर

नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार कीमतों के साथ-साथ सभी आवश्यक खाद्य पदार्थों की मांग-आपूर्ति की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है, उन्होंने कहा कि वह उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों को संतुलित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कीमतों और उपलब्धता की स्थिति की नियमित निगरानी के लिए एक पैनल का गठन किया है. 

सरकार खाद्य पदार्थों की कीमतों और उपलब्धता पर नजर रख रही है. यह घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए उपाय करता है, चौधरी ने कहा, जब वह खाद्य मुद्रास्फीति और गैर-बासमती सफेद चावल पर हाल ही में निर्यात प्रतिबंध के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

सरकार करती संतुलन बनाने की कोशिश: 

वह इंडिया पोस्ट के सहयोग से बाजरा पर आईटीसी के डाक टिकट को लॉन्च करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मांग-आपूर्ति की स्थिति और खुदरा कीमत के आधार पर सरकार निर्यात शुल्क लगाने या निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है. मंत्री ने कहा कि देश में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के मोर्चे पर कोई समस्या नहीं है. सरकार उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हित को देखती है और संतुलन बनाने की कोशिश करती है.

जून में खाद्य टोकरी में मुद्रास्फीति:

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में खाद्य टोकरी में मुद्रास्फीति 4.49 प्रतिशत थी, जो मई में 2.96 प्रतिशत से अधिक थी. खाद्य टोकरी सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) का लगभग आधा हिस्सा है. आंकड़ों से पता चला कि मसालों के मामले में मूल्य वृद्धि की वार्षिक दर 19.19 प्रतिशत, 'अनाज और उत्पादों' में 12.71 प्रतिशत, 'दालों और उत्पादों' में 10.53 प्रतिशत और अंडे में 7 प्रतिशत थी. साल-दर-साल जून में फल भी थोड़े महंगे रहे. हालाँकि, 'तेल और वसा' (-18.12 प्रतिशत) और सब्जियों (-0.93 प्रतिशत) में मुद्रास्फीति में गिरावट आई.

बाजरे की बढ़ रही विदेश में मांग: 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने बाजरा के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बाजरा की मांग विश्व स्तर पर बढ़ रही है और इससे भारत को सबसे बड़ा उत्पादक बनने में मदद मिलेगी. चौधरी ने कहा कि घरेलू और विदेशी स्तर पर बाजरा की मांग बढ़ने से किसानों, खासकर छोटे किसानों को अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी. उन्होंने पहले ही कहा था कि पिछले तीन वर्षों में बाजरे की कीमतें दोगुनी से अधिक हो गई हैं और किसानों को बेहतर कीमतें मिल रही हैं.

बाजरे से होगा किसानों को लाभ: 

चौधरी ने बाजरा के कई स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला और बेहतर स्वास्थ्य के लिए इस सुपरफूड की खपत को बढ़ावा देने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार बाजरा के बारे में जागरूकता पैदा करने के प्रयास कर रही है और बाजरा के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के लिए आईटीसी द्वारा की गई पहल की सराहना की.