जयपुरः तीन दिन पहले गहलोत - पायलट मिले थे यदि उनके मिलने के बाद यदि ऐसा हुआ तो दुर्भाग्य पूर्ण है वसुंधरा राजे जी की सरकार में भी षड्यंत्र हुआ था कांग्रेस के समय क्यों नहीं होते आंदोलन ये षड्यंत्र नहीं है तो क्या इसका अर्थ है ये प्रायोजित है ये कहना है बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ का. गुर्जर आरक्षण आंदोलन को लेकर मदन राठौड़ ने कांग्रेस नेताओं पर तीखे प्रहार किए.
भजन लाल सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच पीलू का पूरा आंदोलन फिलहाल समाप्त हो गया है. लेकिन सियासत उबाल पर है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने आंदोलन के परिपेक्ष्य में तीखा बयान दिया. मदन राठौड़ ने कहा कि गुर्जर आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा लॉ एंड ऑर्डर बिगाड़ने का काम किया लेकिन हमारी सरकार ने ऐसा नहीं होने दियाकोई भी प्रदर्शन करे उसे हक हैलेकिन जन जीवन अस्त व्यस्त नहीं करना चाहिए. आम जन को परेशान नहीं करना चाहिए तीन दिन पहले गहलोत जी पायलट मिले थे यदि उनके मिलने के बाद ऐसा हुआ तो दुर्भाग्य पूर्ण इन दोनों के मिलने से ये स्थिति उत्पन्न हुई है तो ये दुर्भाग्य पूर्ण है
इतना ही नहीं मदन राठौड़ ने कहा कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन को लेकर कहा वसुंधरा राजे जी की सरकार में भी षड्यंत्र हुआ था कांग्रेस के समय क्यों नहीं होते आंदोलन ये षड्यंत्र नहीं है तो क्या इसका अर्थ है ये प्रायोजित है
गुर्जर आरक्षण आंदोलन से जुड़ा जरुरी इतिहास--------------
-थानवी कमेटी की तय समय में रिपोर्ट नहीं आई तब कर्नल बैंसला ने किया ऐलान
-1माह में सरकार एसटी आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट करे नहीं तो हिंडौन में होगा रेल रोको आंदोलन
-साल 2006 की तपती गर्मी के मौसम मई में रेल रोको आंदोलन हुआ जिसने कर्नल बैंसला को स्थापित कर दिया
-इसके बाद तत्कालीन राजे सरकार ने कटारिया कमेटी का निर्माण किया
-इस कमेटी में शामिल थे गुलाब चंद कटारिया,सांवर लाल जाट और डॉ दिगम्बर सिहं
-कमेटी ने राज्य एसटी में शामिल किये जाने को लेकर एक रिपोर्ट केन्द्र को भेजेगी
-लेकिन 6माह बीतने के बाद भी रिपोर्ट सामने नहीं आई,तब गुर्जर समाज फिर उग्र हुआ
-तब बैंसला ने कहा 3माह का समय और फिर प्रदेशव्यापी चक्काजाम
-साल 2007 के मई में पीपलखेडा-पाटोली,कोटपूतली,दूदू औऱ निवाई चार जगहों पर चक्का जाम किया गया
-सरकार ने आंदोलन के निर्धारित दिन से एक रात पहले इसे रोकने के हर संभव प्रयास किये
-पुलिस की ओर कड़ाई की गई तो आंदोलन भीषण हो गया 7गुर्जर गोलीबारी में मारे गये
-इससे केवल प्रदेश ही नहीं अन्य राज्यों तक आंदोलन की चिंगारी फूट गई
-7दिन तक चले भीष आंदोलन में गुर्जर समाज के 28लोगों की पुलिस की गोली से मौत हो गई
-आंदोलन केवल पुलिस औऱ गुर्जरों के बीच ही नहीं बल्कि दो जातियों के बीच खाई पैदा कर गया
-साल 2007 में गुर्जरों को उनका हक देने के लिये जसराज चौपड़ा कमेटी का निर्माण हुआ
-2008 तक चौपड़ा कमेटी का दो बार कार्यकाल बढ़ा
-चौपड़ा कमेटी ने जो कहा वो आगे चलकर मील का पत्थर साबित हुआ
-चौपड़ा कमेटी ने कहा आज के दौर में कोई भी जाति एसटी में शामिल होने के मापदंडो पर खरी नहीं उतरती
-चौपडा कमेटी ने यह भी कहा गुर्जर बहुल गांव अशिक्षा,दीनता और हीनता के टापू बने हुये है औऱ गुर्जर ,रायका-रेबारी
गाडिया लुहार,बंजारा,देवासी समेत पांच जातियों को स्पेशल पैकेज देना चाहिये
-कमेटी के यह कहने के बाद SBCशब्द अस्तित्व में आया
-विशेष दर्जे की मांग पूरी नहीं होने पर फिर कर्नल बैंसला की अगुवाई में आंदोलन ऐतिहासिक हुआ
-2008में पीलू का पुरा से पहले आंदोलन की शुरुआत हुआ जो कि 23दिनों तक चला
-इस आंदोलन में पहले के मुकाबले अधिक जानें गई और कुल आंकड़ा पहुंचा 72
-सिकंदरा,कुशालीपुरा दर्रा,बूंदी समेत कुछ स्थानों पर भीषण हिंसा हुई
-रक्तरंजित आंदोलन के बाद आरक्षण बिल लाने की तैयारी हुई
-राज्य की विधानसभा में गुर्जर समेत पांच जातियों को 5प्रतिशत
-वंचित सवर्ण वर्ग को लेकर 14प्रतिशत का बिल लाया गया
-दो अलग अलग बिल लाने के बजाये एक साथ विधानसभा के फ्लोर पर आये
-लिहाजा आगे चलकर यह बिल अटक गये
-इसके बाद फिर से पृथक बिल को लेकर बैंसला ने गुढला से सिकंदरा के बीच गांधीवादी पैदल मार्च किया
-पैंचला,पांचना ,पावटा और कटारा में अलग अळग समय पर महापडाव किये गये
-इसी बीच गर्ग कमेटी,चौपड़ा कमेटी,इसरानी कमेटी,ओबीसी कमीश,ईबीसी कमीशन
आईडीएस की रिपोर्ट को लेकर गुर्जर व अन्य समाज की अतिपिछड़े की रिपोर्ट तैयार हुई
-समय पर विधानसभा में जब बिल नहीं आया तो फिर कर्नल बैंसला ने फिर पीलू का पुरा में दूसरा आंदोलन किया
-यह आंदोलन लगभग 28दिनों तक चला
-साल 2015 में 5 और 14प्रतिशत के दो दो अलग अलग बिल विधानसभा के फ्लोर पर लाये गये
-संविधान की अनूसूचि में शामिल कराने को लेकर बिल संकल्प पत्र के साथ केंद्र को भेजा गया
-सरकार बिल लेकर आई तो आगे चलकर यह बिल अदालत में अटक गये
-गुर्जरों और सरकार के बीच भी वार्ताओं के अनेकों दौर चले
-- आगे चलकर MBC वर्ग के तहत आरक्षण का लाभ दिया गया
-- मौजूदा पीलू का पूरा आंदोलन से कुछ प्रमुख बाते निकलकर सामने आई
-भजन लाल सरकार से इन मांगो पर बनी सहमति
-MBC आरक्षण विधेयक को 9वीं अनुसूची में शामिल कराए जाने के प्रयास
-आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए समझौते की सही तरीके से पालना की जाए.
-सरकारी नौकरियो में 5 प्रतिशत आरक्षण का पूरा लाभ दिया जाए.
-देवनारायण योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए
-आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लिया जाए.
- आंदोलन के मारे गए मृतकों को शेष आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति की जाए.
-रीट भर्ती 2018 में शेष 372 पदो पर आरक्षण की विसंगति दूर की जाए
- शांतिपूर्ण तरीके से सीएम भजन लाल शर्मा ने आंदोलन को लेकर संवेदनशीलता अपनाई