जयपुरः भीषण गर्मी और लू के हालातों के बीच प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में मरीज कुप्रबन्धन के चलते पसीना-पसीना होने को मजबूर है. एसएमएस के कई वार्डो में ना डक्टिंग काम कर रहे हैं और ना ही कूलर की व्यवस्था है. डक्टिंग को लेकर तो एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने हाथ ही खड़े कर दिए. हालांकि, कूलर एसी को लेकर अब वैकल्पिक इंतजाम के दावे किए जा रहे है. देखिए फर्स्ट इंडिया की रिपोर्ट
ये है मरूधरा, जहां गर्मी रिकॉर्ड तोड स्तर पर पहुंच रही है.प्रदेश के कई हिस्सों में देशभर का सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया जा रहा है. हालांकि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही भीषण गर्मी एवं अत्यधिक लू की चेतावनी जारी कर दी थी, जिसको देखते हुए चिकित्सा विभाग ने सभी चिकित्सा संस्थानों को इंतजाम पूरे करने के निर्देश दिए थे. लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में भर्ती मरीज के लिए ये इंतजाम सिर्फ कागजी खानापूर्ति साबित हो रहे है. हालात ये है कि एसएमएस की आउटडोर,चरक भवन,ट्रोमा सेंटर में कूलिंग सिस्टम फेल हो चुका है. ट्रोमा सेंटर में भर्ती मरीज पंखों की हवा खाने को मजूबर हैं, या फिर वे खुद अपने स्तर पर ही वार्डों में कुलर की व्यवस्था कर रहे है. ओपीडी और चरक भवन में मरीज पसीनों से लथपथ नजर आ रहे है.
विभाग ने क्या दिए थे निर्देश
सभी चिकित्सा कार्मिकों के अवकाश निरस्त कर मुख्यालय पर ही रहने के लिए किया पाबंद
लू—तापघात से बचाव एवं उपचार के लिए आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश
चिकित्सा सेवाओं से संबंधित कार्यालयों में चौबीस घंटे कंट्रोल रूम क्रियाशील रहेंगे
आपात स्थिति में नागरिक टोल फ्री नंबर 108, 104 एवं हैल्पलाइन नंबर 1070 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं
इन हैल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार—प्रसार करने के निर्देश,
सभी चिकित्सा संस्थानों में लू—तापघात के मरीजों के लिए बैड आरक्षित रखने, आवश्यक दवा एवं जांच सुविधाओं के निर्देश,पर्याप्त मात्रा में आईस पैक,आईस क्यूब की उपलब्धता रखने के निर्देश
एम्बुलेंस में एयर कंडीशनर क्रियाशील रखने के निर्देश
आशा कार्यकर्ताओं को लू—तापघात से संबंधित व्यापक आईईसी गतिविधियां करने के निर्देश
मनरेगा साइट्स पर मेडिकल किट्स की उपलब्धता के निर्देश
चिकित्सालयों में पानी एवं बिजली की सुचारू आपूर्ति रखने के भी निर्देश
एसएमएस अस्पताल की ये है बानगी
अस्पताल के अधिकांश वार्डों में कूलिंग सिस्टम फेल
ट्रोमा सेन्टर में गंभीर मरीजों के लिए परिजन खुद के स्तर पर कर रहे व्यवस्था
अभी तक अस्पताल में लू—तापघात के लिए किए गए अतिरिक्त इंतजाम
खुद अस्पताल अधीक्षक डॉ सुशील भाटी ने स्वीकारा की दिक्कतें तो है
कुछ जगहों पर डक्टिंग खराब है, जिन्हें दुरूस्त करवाया जा रहा है
कुछ जगहों पर एसी खराब होने की शिकायत मिली है
उन्हें ठीक कराया गया हैं, इसके अलावा कूलर भी लगा रहे हैं
हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि टेण्डर प्रक्रिया नहीं होने से काम अटके है
अस्पताल में भले ही लू—तापघात को लेकर इंतजाम पूरे नहीं है, लेकिन तेज गर्मी के साइड इफेक्ट के मरीजों के आने का सिलसिला जरूर शुरू हो गया है. अकेले न्यूरोलॉजी विभाग की बात की जाए तो रोजाना पांच से दस मरीज ब्रेन स्टोक के अस्पताल में पहुंच रहे है. विभाग की एचओडी डॉ भावना शर्मा ने कहा कि मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन हमारे इंतजाम किए हुए है.गंभीर मरीजों को तत्काल जीवनरक्षक इंजेक्शन लगाए जा रहे है.
गर्मियों से पहले ही केन्द्र ने अलर्ट जारी कर दिया था, बावजूद इसके चिकित्सा विभाग ने कागजों में तो व्यवस्था चाक चौबन्द कर दी, लेकिन फील्ड में स्थितियां जस की तस बनी हुई है. नतीजन एसएमएस जैसे अस्पताल में भी मरीज व परिजनों को भीषण गर्मी में बेहाल होना पड़ रहा है. हालांकि, अब अस्पताल प्रशासन वैकल्पिक इंतजाम की बात कह रहा है. ऐसे में देखना होगा कि ये दावे कब तक मरीजों को राहत दे पाएंगे