जयपुर: दो दशक से सूखे पड़े रामगढ़ बांध में भले ही पानी की आवक शुरू हुई हुई. लेकिन भजनलाल सरकार के प्रयासों से वर्ष 2025 में बांध से नई खुशियों का संचार जरूर हुआ. अब आस जगी है कि आगामी कुछ साल में बांध के दिन फिरेंगे. नया साल बांध के लिए नए खुशियां लेकर आने वाला है.
रामगढ़ बांध में वर्ष 2005 तक पानी दिखता रहा और उसके बाद अतिक्रमण की बाढ़ में सारी खुशियां बह गई. दो दशक से प्रदेश और देश-दुनिया के लोग रामगढ़ बांध के दिन फिरने का इंतजार करते रहे. इसी बीच भजनलाल सरकार ने बांध में चंबल का का पानी लाने के प्रयास भी शुरू कर दिए. उधर, बांध के जीर्णोद्धार की शुरुआत भी की गई और अब आबोहवा बता रहृी है कि सालभर के भीतर देशी-विदेशी पर्यटकों का पगफेरा भी बांध की तरफ हो सकता है.
यूं भरा जाएगा रामगढ़ बांध
-ईसरदा से रामगढ़ बांध तक फीडर निर्माण कार्य
-रामगढ़ बांध से 55 एमसीएम जल अपवर्तित किया जाना प्रस्तावित
-करीब 116 किलोमीटर का सफर तय कर पानी पहुंचेगा रामगढ़ बांध
-दो हिस्सों में नहर और तीन हिस्सों में पाइप लाइन से पहुंचेगा पानी
-करीब 40 किलोमीटर की नहर और 76 किमी. के रहेगी पाइपलाइन
-ईसरदा, डील नदी और ढूंढ व अमानीशाह नाले पर बनेगा पंप हाउस
-भूमि अधिग्रहण सहित करीब 2200 करोड़ रुपए आएगी लागत
-करीब 22 लाख की ग्रामीण आबादी को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा
-जयपुर जिले के आंधी, जमवारामगढ़, आमेर, जालसू, गोविंदगढ़, विराटनगर, पावटा और कोटपूतली ब्लाक को पेयजल उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित
वंदे गंगा जल संरक्षण- जन अभियान चला
-मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने की बांध से अभियान की शुरुआत
-मुख्यमंत्री के साथ हजारों हाथों ने की श्रमदान की शुरुआत
-बरसों बाद बांध पर श्रमदान में जुटी हजारों की भीड़
-रामगढ़ बांध में करीब एक महीने तक जारी रहा श्रमदान
-बांध के भराव क्षेत्र में दो दशक बाद जलेश्वर महादेव में हुआ जलाभिषेक
-अब बांध में 300 हेक्टेयर तक हो रही सफाई
-बांध के भराव क्षेत्र में बड़े स्तर पर हटाया जा रहा जंगली बबूल
-पहले चरण में सरकारी खसरों पर हो रही सफाई
-उसके बाद डूब क्षेत्र में आ रहे अन्य खसरों का नंबर आएगा
-अगले साल तक बांध के भराव क्षेत्र में दिखाई नहीं देगा जंगली बबूल
रामगढ़ बांध में ड्रोन से कृत्रिम बारिश का देशभर में पहला प्रयास
-बांध पर जुलाई में किया गया ड्रोन से कृत्रिम बारिश का प्रयास
-IMD, DGCA, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला प्रशासन और WRD ने दी सहमति
-सोडियम क्लोराइड का इस्तेमाल कर क्लाउड सीडिंग
-अमेरिकी कंपनी के प्रतिनिधियों ने किया कृत्रिम बारिश का प्रयास
-AI तकनीक के माध्यम से ड्रोन ने डाला बादलों में सोडियम क्लोराइड
-आसमान में हजारों मीटर की ऊंचाई तक गया ड्रोन
-कृषि मंत्री डा. किरोड़ी लाल मीणा ने की थी बांध पर ड्रोन उड़ाने की शुरुआत
भजनलाल सरकार के प्रयासों से बीच सब कुछ सही रहता है तो बांध से जयपुर जिले के लाखों उपभोक्ताओं को पेयजल आपूर्ति की शुरुआत भी हो सकेगी. क्योंकि जिस तरह से भजनलाल सरकार के ERCP ड्रीम प्रोजेक्ट का काम चल रहा है और दावा भी किया जा रहा है कि वर्ष 2028 में चंबल का पानी मिलेगा और रामगढ़ बांध के दिन फिरेंगे. इससे पहले बांध की सफाई और जीर्णोद्धार का काम पूरा होगा. बांध का मूल स्वरूप लौटेगा तो अगले साल से देशी-विदेशी पर्यटकों का पगफेरा होने की उम्मीद भी है. ऐसे में यह कहना सही होगा कि राज्य सरकार के प्रयासों ने लोगों का रुख फिर से रामगढ़ की तरफ कर दिया.