आवासन मंडल की भूमि पर बसी कॉलोनियों का मामला, नियमन को लेकर राज्य सरकार ने जारी किए आदेश

जयपुरः आवासन मंडल की जयपुर स्थित अवाप्तशुदा जमीनों पर बसी कॉलोनियों के लोगों के लिए राहत की खबर है. इन कॉलोनियों के नियमन के लिए राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं. किस तरह और कब तक इन कॉलोनियों का नियमन किया जाएगा. 

सरकारी व अवाप्तशुदा जमीनों पर कॉलोनियों के नियमन के लिए पिछली कांग्रेस सरकार के समय चलाए गए प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान आदेश जारी किए गए थे. इस अभियान में दी गई छूटें 31 मार्च 2024 को खत्म हो चुकी हैं. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने जयपुर में आवासन मंडल की अवाप्तशुदा भूमि पर बसी कॉलोनियों के नियमन के लिए नए सिरे से आदेश जारी किए हैं. लेकिन आदेश में विशेष हिदायत दी गई है कि सड़क व सुविधा क्षेत्र पर किए गए निर्माण का नियमन नहीं किया जाएगा. आंतरिक सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई 30 फीट रखते हुए ही कॉलोनी का नियमन किया जाएगा. यही नहीं मास्टर प्लान व जोनल प्लान की सड़कों की निर्धारित चौड़ाई से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. इन कॉलोनियों का नियमन जेडीए की ओर से किया जाएगा. जेडीए के पास ऐसी करीब 81 कॉलोनियों का रिकॉर्ड उपलब्ध है और एक अनुमान के मुताबिक ऐसी कॉलोनियों की कुल संख्या करीब सौ है. आपको  बताते हैं कि नगरीय विकास विभाग की ओर से जारी आदेश के तहत किस तरह ऐसी कॉलोनियों का नियमन किया जाएगा-

नियमन के लिए इस 15 मई तक जमा कराना होगा रिकॉर्ड
सोसायटियों या विकास समिति को जेडीए में कॉलोनियों का जमा कराना होगा रिकॉर्ड
जिन जमीनों पर आवासीय कॉलोनियों हो चुकी हैं सृजित
और अवाप्ति का मूल उद्देश्य पूरा होना नहीं हैं संभव
ऐसी जमीनें आवासन मंडल के नाम दर्ज होने पर की जाएंगी हस्तांतरित
मंडल की ओर से जेडीए को हस्तांतरित की जाएंगी जमीनें
इसके बाद जेडीए की ओर से कॉलोनी के जारी किए जा सकेंगे पट्टे
अगर भूमि की अवाप्ति के मुआवजे का मंडल ने किया है भुगतान तो
जेडीए भुगतान राशि मय ब्याज के मंडल को करेगा अदा  
नियमन से पहले जेडीए तैयार करेगा योजना मानचित्र
सर्वे मानचित्र पर मास्टर/जोनल प्लान की सड़कों का करेगा सुपर इंपोजिशन
पहले से जमा रिकॉर्ड के आधार पर जेडीए करेगा तैयार
जेडीए नियमन के लिए तैयार करेगा विस्तृत योजना मानचित्र
इस जुलाई से जेडीए कॉलोनियों के नियमन के लिए लगाएगा शिविर
नियमन व नियमन दर को लेकर विस्तृत निर्देश राज्य सरकार बाद में जारी करेगी
जो जमीनें आवासन मंडल के नाम नहीं हैं दर्ज
उन मामलों में नियमन को लेकर जेडीए को लेनी होगी NOC
मंडल से NOCलेकर जेडीए करेगा भूमि की 90 A की कार्यवाही
मौके पर बसी कॉलोनी की भूमि का अगर है अलग लैंड यूज
मास्टर प्लान या जोनल प्लान में दर्शाए लैंड यूज से अलग है लैंड यूज
तो जनहित में भूमि का लैंड यूज चेंज किया जा सकेगा
लैंड यूज चेंज के बाद ही कॉलोनी का किया जाएगा नियमन

आवासन मंडल की अवाप्तशुदा भूमि पर बस चुकी कॉलोनियों का नियमन किस तरह किया जाएगा, इसको लेकर राज्य सरकार ने अपने इस आदेश में पूरी प्रक्रिया निर्धारित कर दी है. इसके साथ नियमन शिविर आयोजित करने की डेडलाइन भी दे दी है. लेकिन कॉलोनियों का नियमन जहां है जैसे के आधार पर नहीं बल्कि निर्धारित सख्त मापदंडों के आधार पर ही किया जा सकेगा. आपको बताते हैं कि राज्य सरकार ने ऐसी कॉलोनियों के नियमन के लिए क्या मापदंड निर्धारित किए हैं. 

भूखंड व सुविधा क्षेत्र में 60:40 का अनुपात रखना होगा जरूरी
इस अनुपात के आधार पर ही जेडीए कर सकेगा नियमन
नियमन के लिए कॉलोनियों की आंतरिक सड़कों की रखनी होगी न्यूनतम 30 फीट चौड़ाई
मौके पर सड़क की चौड़ाई अगर 30 फीट से हो कम तो भी
30 फीट रखते हुए ही कॉलोनी का ले आउट प्लान किया जाएगा तैयार
कॉलोनी के सुविधा क्षेत्र व सड़क पर हुए निर्माण का नहीं होगा नियमन
किसी भी स्थिति में ऐसे निर्माण का नहीं किया जाएगा नियमन
मास्टर प्लान व जोनल प्लान की सड़कों का किया जाएगा समायोजन
इन सड़कों की निर्धारित चौड़ाई का किया जाएगा समायोजन
निर्धारित चौड़ाई रखते हुए ही कॉलोनी का किया जाएगा नियमन
इसके मुताबिक जहां कॉलोनियों आंशिक या पूर्ण रूप से हो चुकी सृजित
और जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक भूखंडों पर हो चुका निर्माण
उन कॉलोनियों का जेडीए की ओर से किया जा सकेगा नियमन
हाउसिंग सोसायाटियों के मामले में कॉलोनी का सृजन 17 जून 99 से पहले का होना चाहिए
अन्य मामलों में कॉलोनी का सृजन 13 दिसंबर 2013 तक होना है जरूरी