आगरा रोड स्थित बस्सी में खड़ा किया जा रहा अवैध मार्केट, नियम-कायदों को धत्ता बताते हुए बेची जा रहीं दुकानें

जयपुरः राजधानी के आगरा रोड स्थित बस्सी कस्बे में अवैध व्यावसायिक योजना सृजित कर अवैध दुकानें बेचें जा रही हैं. राजनीतिक रसूख के चलते मामले में जेडीए की प्रवर्तन शाखा के अधिकारी जानबूझकर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. 

यह मामला है बस्सी कस्बे में बस स्टैण्ड स्थित मौके की 7325 वर्गमीटर जमीन का. इस जमीन पर सीमेंटेड ब्लॉक्स से सड़कों का निर्माण कर दुकानों के लिए अलग-अलग ब्लॉक काट दिए गए हैं. इस जमीन पर पहले कमर्शियल कॉम्लैक्स की योजना प्रस्तावित थी. संबंधित भू कारोबारी ने इस योजना के नक्शे भी जेडीए से अनुमोदित करा दिए थे. अगर यह योजना क्रियान्वित की जाती तो पार्किंग और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखना होता, भवन निर्माण के लिए मोटी राशि भी खर्च करनी पड़ती. लेकिन भू कारोबारी को इस योजना के बजाए जमीन पर सीधे दुकानों के अवैध रूप से भूखंड काटना अधिक फायदे का सौदा लगा. आपको सबसे पहले इस भूमि पर प्रस्तावित कमर्शियल कॉम्पलैक्स योजना के बारे में जानकारी देते हैं

- जेडीए ने इस भूमि पर प्रस्तावित कमर्शियल कॉम्पलैक्स योजना के अनुमोदित नक्शे 29 फरवरी 2016 को जारी किए गए थे
-अनुमोदित नक्शों के मुताबिक दो बेसमेंट,ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर कुल चार मंजिलों का निर्माण किया जाना था
-बेसमेंट में 149 कार और 170 दो पहिया वाहनों की पार्किंग प्रस्तावित की गई थी
-भूमि के चारों तरफ सेटबैक भी छोड़ा जाना था
-ये अनुमोदित नक्शे 11 जून 2022 तक ही मान्य थे
-इस अवधि तक संबंधित भू कारोबारी को कमर्शियल कॉम्पलैक्स् का निर्माण करना था
-लेकिन मौके पर निर्माण नहीं करने और निर्माण अवधि नहीं बढ़ाने के चलते अनुमोदित नक्शे स्वत: ही निरस्त हो चुके हैं
-जेडीए की इसी पुरानी स्वीकृति की आड़ में मौके पर अवैध मार्केट खड़ा करने का खेल चल रहा है

एक तरफ तो भू कारोबारी ने निर्धारित अवधि में स्वीकृति नक्शों के अनुसार निर्माण नहीं किया. लेकिन अब जेडीए की प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों की सरपरस्ती में श्रीनाथ शॉपिंग सेंटर के नाम से अवैध मार्केट बनाने की तैयारी की जा रही है. मौके पर सीमेंटेट ब्लॉक्स बिछाने का काम जारी है. आपको बताते हैं कि इस अवैध मार्केट से ना केवल इस पूरे इलाके के लिए विभिन्न समस्याएं खड़ी होने वाली बल्कि इससे जेडीए के राजस्व को भी नुकसान पहुंच रहा है.

-श्रीनाथ शॉपिंग सेंटर के नाम से सृजित किए जा रहे इस अवैध मार्केट की मार्केटिंग भी जोर-शोर से चल रही है
-इस अवैध मार्केट का एक ले आउट प्लान स्थानीय प्रोपर्टी व्यवसायियों में चर्चित है
-इस ले आउट प्लान में 192 दुकानों के भूखंड दर्शाए गए हैं
-लेकिन इसमें कहीं भी पार्किंग का स्थान नहीं छोड़ा गया है
-इस अवैध मार्केट के चलते बस स्टैण्ड की सड़क पर बेतरतीब पार्किंग की समस्या विकराल रूप लेगी
-बेतरतीब पार्किंग के कारण सड़क और छोटी हो जाएगी
-इस सड़क पर दिन भर हजारों वाहनों की आवाजाही रहती है
-सड़क पर पार्किंग के कारण वाहनों के लिए पूरी सड़क उपलब्ध नहीं रहेगी
-इसके चलते वाहन चालकों को यहां घंटो जाम का सामना करना पड़ेगा
-स्थानीय प्रोपर्टी व्यवासियों के मुताबिक 
-इस अवैध मार्केट में सौ फीट सड़क की तरफ की दुकानों की कीमत अस्सी लाख रुपए तक रखी गई है
-चालीस फीट की तरफ की दुकानों की कीमत पचास लाख रुपए तक रखी गई है
-इस तरह भू कारोबारी तो केवल जमीन पर दुकानें काटकर चांदी कूटने में लगा है
-लेकिन उधर जेडीए को राजस्व की भारी हानि हो रही है
-इस मार्केट को लेकर अगर जेडीए से स्वीकृति ली जाती तो जेडीए से पहले ले आउट प्लान का अनुमोदन कराना पड़ता
-इस अनुमोदन के बदले बतौर शुल्क जेडीए को मोटा राजस्व मिलता
-जेडीए से स्वीकृत ले आउट प्लान में पार्किंग सहित विभिन्न सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाता