वॉशिंगटन: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के सारे लोगों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के अपने लक्ष्य को भारत ने लगभग पा लिया है और अब ध्यान उन्हें कुशल बनाने और डिजिटलीकरण पर है जिससे जीवनयापन में सुगमता तथा पारदर्शिता आ सके.
सीतारमण ने अमेरिका के विचार समूह ‘पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स’ में कहा कि सरकार गरीब लोगों को मूलभूत सुविधाएं देकर सशक्त बनाना चाहती है. उन्होंने कहा कि बुनियादी सुविधाएं देने के लिहाज से हमने अपने लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया है.
अच्छी सड़कें हों जो नजदीकी राजमार्ग से जोड़ी जा सकें:
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत सरकार देश के गरीबों को अनेक सुविधाएं देना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि उन्हें रहने के लिए पक्के घर दिए जाएं, पाइप के जरिए पेयजल उन तक पहुंचे, बिजली हो, अच्छी सड़कें हो सिर्फ गांव तक ही नहीं बल्कि गांवों की गलियों तक भी अच्छी सड़कें हों जो नजदीकी राजमार्ग से जोड़ी जा सकें, अच्छी परिवहन सुविधा तक पहुंच हो, वित्तीय समावेशन हो जिससे घर के प्रत्येक सदस्य का बैंक में खाता खुले और उन्हें हर लाभ सीधे उनके खाते में मिल सके. उन्होंने कहा कि इस लिहाज से हम परिपूर्णता की ओर बढ़ रहे हैं.
लोगों को कुशल बनाने पर ध्यान दे रहे:
वित्त मंत्री ने कहा कि अब ध्यान लोगों को कुशल बनाने पर है. उन्होंने कहा कि अब हम लोगों को कुशल बनाने पर ध्यान दे रहे हैं. कौशल केंद्र अब देशभर में हैं. कौशल का स्तर हर व्यक्ति के लिए अलग होता है. इससे व्यापारों और निजी क्षेत्र के उद्यमियों को भी जोड़ा जा रहा है ताकि जो लोग प्रशिक्षण पा रहे हैं और व्यवसाय जिस तरह के प्रशिक्षित लोग चाहते हैं उनके बीच संपर्क बन सके. सीतारमण ने कहा कि भारत का डिजिटलीकरण का कार्यक्रम भी तेजी से चल रहा है, इसके दायरे में स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्तीय लेनदेन आ गए हैं. अब हम अन्य क्षेत्रों का डिजिटलीकरण भी करना चाहते हैं जिससे जीवनयापन में आसानी हो और अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ सके. सोर्स-भाषा