भारत के दवा कारखानों में योग्य कर्मचारियों की कमी, कच्चे उत्पाद का भी नहीं हो रहा सही से परीक्षण: स्वास्थ्य मंत्रालय

नई दिल्ली : भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि उसने देश में 150 से अधिक फार्मास्युटिकल कारखानों का निरीक्षण किया और पाया कि सुरक्षा उपायों की भारी कमी थी, जिसमें आंतरिक उत्पाद गुणवत्ता समीक्षा की अनुपस्थिति के साथ-साथ पेशेवर रूप से योग्य कर्मचारियों की कमी भी शामिल थी.

ये रिपोर्टें देश में निर्मित और विदेशों में भेजे गए दोषपूर्ण कफ सिरप से जुड़ी मौतों के बाद कई भारतीय दवा कंपनियों के सरकार की जांच के दायरे में आने के बाद आई हैं. विदेशों में कम से कम 95 बच्चों की मौत का कारण दोषपूर्ण दवाएँ थीं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जांच से यह भी पता चला कि "गुणवत्ता विफलता जांच" का अभाव था, साथ ही कच्चे माल के परीक्षण की भी कमी थी.

162 फार्मास्युटिकल कारखानों और 14 सार्वजनिक प्रयोगशालाओं का किया निरीक्षण:

मंत्रालय ने 162 फार्मास्युटिकल कारखानों और 14 सार्वजनिक प्रयोगशालाओं का निरीक्षण करने के बाद, बुनियादी ढांचे की कमियों की ओर इशारा किया जो दवा कारखानों में क्रॉस-संदूषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जांच में इन कारखानों में विनिर्माण और परीक्षण क्षेत्रों के दोषपूर्ण डिजाइन को भी उजागर किया गया.