जयपुरः आखिरकार सरकार ने हेरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर ही दी. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के अभियोजन स्वीकृति की फाइल पर साइन करने के बाद मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के आदेश जारी किए गए. वहीं अब एसीबी कोर्ट में स्वीकृत पत्र पेश करेगी. एसीबी जैसे ही न्यायालय में चालान पेश करेगी और उसकी सूचना विभाग को मिलने के तुरंत बाद मुनेश गुर्जर को उनके पद से निलंबित कर हटा दिया जाएगा. चूंकि मेयर का पद ओबीसी महिला आरक्षित है. इस वर्ग से आने वाली किसी भी पार्षद को सरकार अस्थाई रूप से 60 दिन के लिए मेयर का कार्य भार देने के आदेश जारी करेगी.
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के पत्र के 4 महीने बाद राजस्थान सरकार ने मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ राज्य अभियोजन स्वीकृति दी. मामला पट्टे जारी करने के बदले 2 लाख रुपए रिश्वत लेने का है. दरअसल, एसीबी ने 4 अगस्त 2023 को मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था. जिसमें 2 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों, नारायण सिंह और अनिल दुबे को गिरफ्तार किया गया था. तलाशी के दौरान सुशील गुर्जर के घर से पट्टे की संबंधित फाइलें और 41 लाख रुपए भी बरामद किए गए थे. साथ ही दलाल नारायण सिंह के घर से भी 8.95 लाख रुपए मिले थे. जांच के दौरान मेयर पर भ्रष्टाचार के आरोप साबित माने गए. मामले में एसीबी ने 2 मई 2023 को राज्य सरकार से अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है. इस संबंध में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि जयपुर मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी हो गई है. एसीबी जैसे ही न्यायालय में चालान पेश करेगी और उसकी सूचना विभाग के पास आ जाएगी उसके तुरंत बाद मुनेश गुर्जर को उनके पद से निलंबित कर हटा दिया जाएगा. उसके बाद सरकार जिसे उचित समझेगी, जिस वर्ग के लिए मेयर का पद आरक्षित है, उस वर्ग के किसी भी पार्षद को सरकार अस्थाई रूप से 60 दिन के लिए मेयर का कार्य भार देने के आदेश जारी करेगी. 60 दिन के बाद चुनाव भी हो सकते हैं और कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है.
अब जैसे ही एसीबी कोर्ट में चालान पेश करेगी वैसे ही हेरिटेज निगम को दूसरा अस्थाई महापौर मिल जाएगा लेकिन देखने वाली बात ये है की आखिर वो महापौर किस दल का होगा.