जयपुर के दोनों निगमों का कार्यकाल आज होगा खत्म, 10 नवम्बर से फिर से एक हो जाएगा जयपुर निगम, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः जयपुर के दोनों नगर निगम का कार्यकाल आज को समाप्त हो जाएगा. 10 नवम्बर से शहरी सरकार पुरानी राह पर लौट आएगी. यानी एक शहर में एक ही नगर निगम होगा. जयपुर नगर निगम फिर से अस्तित्व में आ जाएगा. अतिरिक्त नगर निगम बनाने से हैरिटेज निगम पर सालाना 100 करोड़ रुपए से अधिक का अतिरिक्त बोझ पड़ा, जो पूरे कार्यकाल में 500 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. वहीं, विकास कार्यों पर दोनों नगर निगमों ने मिलकर 1000 करोड़ रुपए खर्च कर दिए. 

ग्रेटर नगर निगम पर एक नजर 
पांच साल में सफाई व्यवस्था हुई मजबूत 
171 वे पायदान से ग्रेटर निगम आया 16वे पायदान पर 
डोर टू डोर कचरा संग्रहण से कचरा 80 फीसदी उठाया जा रहा 
फ्लाईओवर के नीचे स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनवाए गए, जिससे आस-पास की कॉलोनियों को खेलकूद की जगह मिली
राजस्थान विश्वविद्यालय के सामने पहली ई-लाइब्रेरी शुरू की गई.
मालवीय नगर के वार्ड-133 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अटल क्लब की शुरुआत
निगम मुख्यालय में वर्किंग वुमन के लिए क्रेच स्थापित किया 

पांच साल में अगर ग्रेटर नगर निगम के कार्यकाल की बात की जाए तो बोर्ड बैठक में लिए गए कई निर्णय आज धरातल पर है लेकिन कुछ ऐसे भी अहम फ़ैसले थे जो धरातल पर नहीं उतर पाए वहीं ग्रेटर निगम के पांच सालों में सबसे अहम रहा वो सफाई व्यवस्था थी जो कि खासा सफल साबित हुई महापौर सौम्या गुर्जर के नेतृत्व में सफाई मामले में ग्रेटर निगम 171वे पायदान से 16वे पायदान पर आ गया इसके साथ ही डोर टू डोर कचरा संग्रहण मे निगम ने काफी सफलता हासिल की आज 80 फीसदी कचरा घरों से डोर टू डोर कचरा संग्रहण के माध्यम से हो रहा है इसके साथ ही सभी जोन में इसको लेकर पैसा भी वसूल करने का कार्य भी शुरू हुआ 

सफाई व्यवस्था में हैरिटेज निगम की आई बेहतर रैंक 
इस बार 20 वी पायदान तक पहुंचा हैरिटेज निगम 
वर्षों से लंबित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट निगम के प्रयासों से चालू हुआ
हैरिटेज निगम में अब यहां कचरे से बिजली बन रही है
पांच साल के कार्यकाल में सीएनडी वेस्ट प्लांट भी चालू हो गया है
जिससे सड़क किनारे मकानों का मलबा अब नजर नहीं आएगा
एमआरएफ प्लांट भी जल्द शुरू होगा
जहां मिश्रित कचरा अलग-अलग किया जाएगा और पुन: उपयोग संभव होगा.

हैरिटेज निगम के पांच साल में अवैध निर्माण चरम पर रहा वही निगम में अलग अलग महापौर का कार्यकाल रहा महापौर कुसुम यादव के 14 महीने के कार्यकाल में सफाई व्यवस्था में निगम ने नया कीर्तिमान रचा इसके साथ साथ ही ऐसे प्लांट निगम क्षेत्र में लगाए गए जिनसे न केवल बिजली, बल्कि निगम को आर्थिक आय भी होने लगी है परकोटे में पुरानी हवेलियों के गिरने से कुछ लोगों की जाने भी गई जिसने निगम पर कई सवाल छोड़े लेकिन पांच साल के कार्यकाल में हैरिटेज निगम ने सफाई के साथ साथ कई नए आयाम स्थापित किए हालांकि अवैध निर्माण सहित सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग चिंता का सवाल रही लेकिन अब दोनों ही निगमों के एक होने से ये समस्या दूर नहीं हुई बनी रहेगी. 

कांग्रेस की सरकार में किए गए शहर में दो नगर निगम का प्रयोग विफल साबित हुआ. अब दोनों ही निगमों को एक होने में महज एक दिन का समय शेष है लेकिन एक निगम होने के बाद भी चुनौतियां बरकरार रहेगी.