नई दिल्ली : 'कौंडिन्य' पोरबंदर से ओमान का सफर तय करेगा. कौंडिन्य 2000 साल पुरानी तकनीक से बना जहाज है. लकड़ी के तख्तों, नारियल की रस्सियों से तैयार किया गया है. इसी माह आखिर में पोरबंदर से ओमान के लिए रवाना होगा.
खास बात यह है कि जहाज में कहीं भी कीलों का इस्तेमाल नहीं हुआ है. कौंडिन्य बिना इंजन और बिना जीपीएस के मात्र हवा के सहारे चलेगा. अनुभव नहीं होने पर नाविक कई माह से विशेष ट्रेनिंग ले रहे हैं.
जहाज निर्माण में भारत के पारंपरिक हुनर की पहचान और प्राचीन जहाज निर्माण कौशल को दुनिया के सामने लाना मकसद है. केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2023 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे.