जयपुर: राजधानी जयपुर के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर इन दिनों एक नई तरह की परेशानी खड़ी हो गई है. पर्यटन सीजन होने के चलते देश-विदेश से बड़ी संख्या में चार्टर विमानों का आवागमन हो रहा है. लेकिन ऐसे विमानों को कई बार नाइट हॉल्ट के लिए पार्किंग स्पेस नहीं मिल पा रहा है. एयरपोर्ट पर यह परेशानी टैंगो टैक्सी के एप्रन के उपयोग पर लगी रोक के बाद बढ़ गई है.
दरअसल, जयपुर एयरपोर्ट पर पुराने पार्किंग वे में से अब केवल 14 पार्किंग वे ही उपयोग में आ पा रहे हैं. जबकि पूर्व में इनकी संख्या 18 थी. टर्मिनल-1 की तरफ स्थित पार्किंग वे का उपयोग करीब 5 साल पहले ही बंद हो चुका है. इसके बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने रनवे 9 की तरफ स्थित टैंगो टैक्सी पर नए पार्किंग वे विकसित किए थे. ये पार्किंग वे रनवे से स्टेट हैंगर को जोड़ने वाली टैक्सी वे टैंगो टैक्सी पर बनाए गए हैं, लेकिन कुछ माह पूर्व डीजीसीए ने इनकी कमिशनिंग अधूरी बताकर इनके उपयोग करने पर रोक लगा दी है.
यहां 19 नए पार्किंग वे बनाए हैं, जिससे विमानों के पार्किंग की कमी नहीं रह गई थी, लेकिन डीजीसीए द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब यह समस्या बढ़ गई है. जयपुर एयरपोर्ट पर रोजाना 7 से 8 शेड्यूल्ड फ्लाइट का नाइट हॉल्ट होता है, इसके अलावा दिल्ली से डायवर्ट होने वाली फ्लाइट्स के लिए भी पार्किंग वे रिजर्व रखने होते हैं. पिछले दिनों लखनऊ से आए एक विमान को नाइट हॉल्ट की परमिशन नहीं दी गई थी.
आखिर क्यों शुरू नहीं हो पा रहे 19 नए पार्किंग वे ?
- जयपुर एयरपोर्ट पर एप्रन में 14 पार्किंग वे पहले से बने हुए हैं
- ये पार्किंग वे टर्मिनल-2 की बिल्डिंग के सामने और एटीसी टॉवर की तरफ बने हुए
- 3 साल पूर्व टैंगो टैक्सी पर दोनों तरफ 19 पार्किंग वे बनाए गए
- टाइप सी श्रेणी के एयरक्राफ्ट यानी एयरबस 320 या अन्य हो सकते पार्क
- लेकिन इन पार्किंग वे की कमीशनिंग का कार्य नहीं हो सका अप्रूव्ड
- डीजीसीए ने यहां सुरक्षा कारणों को माना कमीशनिंग अप्रूवल में बाधा
- पार्किंग वे के ठीक पीछे एयरपोर्ट की दीवार से सटाकर बने हुए हैं मकान
- इस एप्रन से विमानों की सुरक्षा व संचालन में खामी मानी जा रही
- पार्किंग वे की कमी से चार्टर विमानों को नाइट हॉल्ट के लिए जगह नहीं मिलती