भारत-पाक सीमा पर मिली जिंदा एंटी पर्सनल माइन, पुलिस और BSF के अधिकारी पहुंचे मौके पर, सेना का बम निरोधक दस्ता करेगा डिफ्यूज

जैसलमेर: जैसलमेर से लगती भारत-पाक सीमा पर एक जिंदा एंटी पर्सनल माइन मिलने से सनसनी फैल गई. सरहदी इलाके के केरला गांव के पास शुक्रवार सुबह एक चरवाहे को माइन नजर आई . चरवाहे ने गांव वालों को जानकारी देकर मौके पर बुलाया. ग्रामीणों ने BSF को एंटी पर्सनल माइन की सूचना दी. जिसके बाद मौके पर सीमा सुरक्षा बल की टीम पहुंची और इसकी पड़ताल की. 

झिनझिनयाली थाना प्रभारी हड़वंत सिंह ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों का फोन आया और उन्होंने जिंदा एंटी पर्सनल माइन की जानकारी दी. हमने म्याजलार पुलिस चौकी को इत्तला देकर मौके के लिए रवाना कर दिया है. और हम खुद भी मौके पर जा रहे हैं. थाना प्रभारी ने बताया कि हमने भारतीय सेना के कंट्रोल रूम को भी इस की जानकारी दे दी है. अब सेना का बम निरोधक दस्ता मौके पर आएगा और वो ही इसे डिफ्यूज करने की कार्रवाई करेगा. तब तक से हमारे कब्जे में रहेगा. बताया जा रहा है कि भारतीय सेना द्वारा किसी युद्धाभ्यास में ये जमीन में ही दबी रह गई और अब आंधी के चलने से रेत उड़ी और वो जमीन से बाहर आ गई है.

क्या है एंटी पर्सनल माइंस
एंटी-पर्सनल माइन का इस्तेमाल इंसानों के खिलाफ किया जाता है, जबकि एंटी-टैंक माइन का इस्तेमाल भारी गाड़ियों के लिए किया जाता है. ये माइन्स घुसपैठियों और दुश्मन की पैदल सेना के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में काम करते हैं. वे आकार में छोटे होते हैं और बड़ी संख्या में तैनात किये जा सकते हैं. वे सीमाओं पर दुश्मन सैनिकों को मार गिराने के लिए जमीन में दबाए जाते हैं और जैसे ही दुश्मन देश का सैनिक इस पर पांव रखेगा तो ये धमाके के साथ फटता है और दुश्मन सैनिक के परखच्चे उड़ा देता है.