VIDEO: मल्लिकार्जुन खड़गे बोले-ED, सीबीआई, इनकम टैक्स तो चुनाव में धमकाने का करती है काम, हम डरने वाले नहीं

जोधपुर: जोधपुर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सीएम गहलोत को जिस भूमिका में भी काम मिला. उन्होंने जोधपुर के लिए काम किया. CM गहलोत का स्वभाव पानी के रंग जैसा है. गहलोत सबको साथ लेकर चलने वाले नेता हैं. गहलोत किसी से दुश्मनी नहीं रखते हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आपने काम कुछ भी नहीं किया. अब आप भी तो कुछ गालियां खाइए. बुलेट ट्रेन नहीं चली. मैं कहूंगा आमदनी नहीं बढ़ी. उनके झांसों में मत आओ. अब रिपीट होने का टाइम है. फिर कांग्रेस की गाड़ी चलेगी. ED, सीबीआई, इनकम टैक्स तो चुनाव में धमकाने का काम करती है. हम डरने वाले नहीं है.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर के सरदारपुरा से नामांकन दाखिल कर दिया है. नामांकन दाखिल के बाद सीएम गहलोत ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं थासु दूर कोनी. देश में लोकतंत्र खतरे में है. आज ED, CBI और इनकम टैक्स का दुरुपयोग हो रहा है. हमारी सरकार तभी बनेगी जब आप विधायकों को जिताओगे. सीएम गहलोत ने जोधपुर जिले के सभी कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताने की अपील की. 

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. गहलोत ने अपना नामांकन परिवार की मौजूदगी में दाखिल किया. नामांकन से पहले सीएम अशोक गहलोत जोधपुर में अपनी बड़ी बहन विमला देवी से आशीर्वाद लेने पहुंचे. इस दौरान प्तनी सुनीता गहलोत, पुत्र वैभव गहलोत, पुत्री सोनिया, पुत्रवधू हिमांशी गहलोत भी बहन विमला के आवास पर मौजूद रही. बहन विमला ने भाई गहलोत को तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांधा. साथ ही मुंह मीठा करा कर जीत का आशीर्वाद दिया. विमला देवी से आशीर्वाद के बाद सीएम अशोक गहलोत ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल किया. 

आपको बता दें कि सीएम गहलोत ने पिछले 5 विधानसभा चुनाव जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से ही लड़े हैं और लगातार जीतते आ रहे हैं. बीजेपी ने इस बार मुख्यमंत्री के सामने जेडीए के पूर्व चैयरमेन प्रोफेसर महेंद्र सिंह राठौड़ को अपना प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी ने इस बार भी सरदारपुर से एक राजपूत चेहरे पर दांव लगाया है. इससे पहले बीजेपी ने शंभू सिंह खेतासर को टिकट दिया था, लेकिन वो दो चुनाव हार गए थे.