VIDEO: केरल में दस्तक, राजस्थान में अलर्ट ! निपाह वायरस की रोकथाम पर चिकित्सा विभाग सक्रिय, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: केरल में निपाह वायरस की दस्तक से प्रदेश का चिकित्सा विभाग भी अलर्ट मोड में आ गया है.विभाग ने सभी जिलों के कॉलेज प्राचार्य, जॉइंट डायरेक्टर, सीएमएचओ व पीएमओ को निपाह वायरस से जुड़ी केन्द्र की गाइड लाइन भेजकर माइक्रो मॉनिटरिंग के निर्देश दिए है.साथ ही केरल से राजस्थान आने वाले ट्यूरिस्ट व अन्य मेडिकल स्टॉफ पर भी नजर रखने के लिए अलग से स्क्रीनिंग पाइंट जारी किए है.देश में चार साल बाद एकबार फिर निपाह वायरस की दस्तक ने खलबली मचा दी है.केरल में दो मरीज की मौत और आधा दर्जन से अधिक केस मिलने के बाद केन्द्र से लेकर सभी राज्यों में चिंता बढ़ गई है.

राजस्थान के चिकित्सा विभाग ने भी ऐतियातन कदम उठाने शुरू कर दिए है.खुद एसीएस मेडिकल शुभ्रा सिंह ने जिलों से संवाद शुरू किया है, साथ ही निपाह वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए है.निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ रविप्रकाश माथुर ने सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, जॉइंट डायरेक्टर, सीएमएचओ व पीएमओ को पत्र लिखकर निपाह की रोकथाम-नियंत्रण के लिए माइक्रो-मॉनिटरिंग के निर्देश दिए है.इसके साथ ही केरल से आने वाले यात्रियों व मेडिकल स्टॉफ की विशेष स्क्रीनिंग के भी निर्देश दिए गए है.

मौत के वायरस की फिर भारत में दस्तक !:
- केरल स्थित कोझिकोड में दो मौत, छह नए केस हो चुके है चिन्हित
- निपास वायरस के एकसाथ केस मिलने के साथ ही देशभर में जारी अलर्ट
- राजस्थान में अधिकारियों को निपाह वायरस के लक्षण, संदिग्ध मरीजों के चिन्हितकरण और रोकथाम के दिए निर्देश
- किसी भी संदिग्ध के मिलने पर तत्काल मुख्यालय को सूचना भेजने के निर्देश

निपाह वायरस के कारण, लक्षण और बचाव:
- निपाह वायरस स्वाभाविक रूप से जानवरों से मनुष्यों तक फैलता है
- यह रोग 2001 में और फिर 2007 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी सामने आया था
- इसके बाद 2018 व 2019 में केरल में केस किए गए चिन्हित
- विशेषज्ञों के मुताबिक यह वायरस चमगादड़ के अलावा सुअर से फैलता है.
- इसके अलावा ये मानव से मानव में भी फैल सकता है, इस वायरस से पीड़ित चमगादड़ जब किसी फल को खा लेते हैं और उसी फल या सब्जी को कोई इंसान या जानवर खाता है, तो संक्रमित हो जाता है.
- यह वायरस मरीज के सीधे दिमाग को नुकसान पहुंचाता है, जिसके चलते उसे बचा पाना काफी मुश्किल होता है.
- निपाह वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, सूजन, विचलित होना और मानसिक भ्रम आदि शामिल है
- संक्रमित व्यक्ति 24 से 48 घंटों के भीतर कोमा में चला जाता है. निपाह एन्सेफेलाइटिस की मृत्यु दर 9 से 75 प्रतिशत तक है

क्या रखें सावधानी:
- बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क में आने से बचें
- यदि कोई संदिग्घ मरीज के सम्पर्क में आए तो अपने साफ-सफाई का ध्यान रखे, रोगी के लिए उपयोग बाल्टी, मग, कपडे, बर्तन सभी अलग रखें

हालांकि, अभी तक राजस्थान में कोई केस नहीं मिला है,जिसके चलते पैनिक स्थिति नहीं है.लेकिन मौसमी बीमारियों के स्प्रेड के बीच निपाह वायरस की मॉनिटरिंग फील्ड अधिकारियों के लिए एक बड़ा टॉस्क है.उम्मीद है कि फील्ड के अधिकारी भी इसकी गंभीरता को समझेंगे, ताकि किसी भी स्थिति में बीमारी की रोकथाम की जा सके.