जयपुर: संघ प्रमुख मोहन भागवत कार्यक्रम लोकमंथन-2024 को संबोधित करते हुए कहा कि देश के भुला दिए गए गौरव को पुन:स्थापित करने की आवश्यकता है. भारत की मूल्य प्रणाली व्यक्ति की बुद्धिमता पर जोर देती है.
मुद्दों के प्रति भारत के दृष्टिकोण में तर्क और बुद्धि है. और देश को समस्याओं के निदान के लिए अन्य दृष्टिकोणों का पालन करने की आवश्यकता नहीं है. सनातन धर्म और संस्कृति को समकालीन रूप देना होगा. भारत विदेशों से अच्छी चीजें ले सकता है.
लेकिन इसकी अपनी प्रकृति होनी चाहिए. हमें अपने सनातन धर्म और संस्कृति को समकालीन रूप देने के बारे में सोचना होगा. भारत को बाहरी आलोचनाओं का जवाब देने की आवश्यकता नहीं है. यह पहले ही व्यावहारिक और दार्शनिक दोनों क्षेत्रों में सफल हो चुका है.
दुनिया भारत को देख चुकी है. उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न वैश्विक विचारधाराएं लड़खड़ा गई है.और अब मार्गदर्शन के लिए भारत की ओर देख रही है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी मौजूद रहे.
संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान
— First India News (@1stIndiaNews) November 25, 2024
संघ प्रमुख ने कार्यक्रम लोकमंथन-2024 को किया संबोधित, कहा-'देश के भुला दिए गए गौरव को पुन:स्थापित करने.... #RajasthanWithFirstIndia #RSS #MohanBhagwat @DrMohanBhagwat @i_dimplesharma pic.twitter.com/R9eovJlaOS