नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर शहर में आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक चर्च में तोड़फोड़ किए जाने के एक दिन बाद पुलिस ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक स्थानीय नेता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वहीं घटना का जायजा लेने के लिए नारायणपुर शहर में प्रवेश करने के दौरान दो सांसदों और एक विधायक सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने पहले ही रोक लिया. पार्टी के एक नेता ने यह दावा किया. बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि सोमवार को नारायणपुर में एक समुदाय के लोगों के विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ की घटनाओं के मामले में पांच लोगों रूपसाय सलाम (55), पवन कुमार नाग (24), अतुल नेताम (24), अंकित नंदी (31) और डोमेन्द्र यादव (21) को गिरफ्तार किया गया है. सुंदरराज ने बताया कि घटनाओं के संबंध में चार अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.
उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि नारायणपुर जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. शहर में स्थिति शांतिपूर्ण और सामान्य है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने बताया कि सलाम वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं तथा पार्टी के नारायणपुर जिलाध्यक्ष हैं. हालांकि सोमवार को विरोध प्रदर्शन पार्टी के बैनर तले नहीं किया गया था. भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय चंद्राकर ने कहा है कि सांसद संतोष पांडे और मोहन मंडावी तथा विधायक शिवरतन शर्मा समेत पार्टी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल घटना का जायजा लेने के लिए नारायणपुर जा रहा था तब उन्हें बेनूर पुलिस थाने में रोक कर रखा गया. चंद्राकर ने कहा कि हमारे नेताओं को नारायणपुर जाने से रोका गया, इससे प्रमाणित हो गया है कि कांग्रेस सरकार धर्मांतरण करने वाले लोगों के कदमों में गिर गई है. आदिवासियों का उत्पीड़न चरम सीमा को लांघ चुका है. छत्तीसगढ़ में अब आपातकाल जैसे हालात हैं.’’ आदिवासी बहुल क्षेत्र में कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में सोमवार को नारायणपुर में लगभग दो हजार लोगों ने सभा की थी. जिनमें ज्यादातर आदिवासी थे.
पुलिस के मुताबिक बैठक के बाद भीड़ समूहों में बंट गई थी और लाठी-डंडों से लैस होकर स्कूल परिसर में स्थित एक चर्च में घुस गए और उसमें तोड़फोड़ की. उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने उग्र प्रदर्शन किया और बखरूपारा बाजार सहित शहर के अन्य स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन किया. पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि पुलिस ने एक जनवरी को जिले के एडका थाना क्षेत्र के गोर्रा गांव में दो समूहों के बीच हुई झड़प के संबंध में भी प्राथमिकी दर्ज की है. उन्होंने बताया कि गोर्रा गांव में झड़प को शांत करने गए पुलिस दल पर कथित तौर पर हमला करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा पिछले कुछ दिनों में नारायणपुर और कोंडागांव जिले की सीमा से लगे गांवों में शांति भंग करने के आरोप में 17 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पिछले महीने बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोगों ने नारायणपुर में कलेक्टर कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था. आदिवासी बहुल जिले के कम से कम 14 गांवों के प्रदर्शनकारियों ने दावा किया था कि ईसाई धर्म का पालन करने के कारण उन पर कथित रूप से हमला किया गया और उन्हें उनके घरों से निकाल दिया गया. उन्होंने इस मामले में प्रशासन द्वारा कार्रवाई की मांग की थी. सोर्स- भाषा