राष्ट्रीय बालिका दिवस आज, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ा है इतिहास, जानें इसका महत्व और उद्देश्य

नई दिल्लीः आज यानि 24 जनवरी 2024 को देशभर में राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. भारतीय समाज में बालिकाओं के सामने आने वाली असमानताओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. ये मुख्य रूप से बलिकाओं के अधिकार और समाज में उनकी भूमिका को बढ़ावा देता है. साथ ही उनके हित में भी आवाज उठाता है. 

इस अवसर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हमारी नई सरकार से अपेक्षा है कि वह बेटियों की सुदृढ़ता की इन योजनाओं को न सिर्फ निर्बाध संचालित करेगी बल्कि इनको मजबूत भी बनाएगी. राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की बेटियों के सशक्तीकरण हेतु फ्री मोबाइल, सस्ती यात्रा व सुगम शिक्षा के लिए कई कदम उठाए थे. 

बता दें कि 24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी ने महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी इसलिए 24 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है. जिसको लेकर साल 2008 में महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर सेराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत की गई. क्योंकि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा था कि एक महिला देश की प्रधानमंत्री बन गई थी. 

ये ना सिर्फ इंदिरा गांधी ने शपथ ली उस दिन को देखते हुए मनाया जाता है. बल्कि ये बेटी बचाओ, बेटी पढ़ओ जैसे नारो को भी बढ़ावा देता है. इस कदम का उद्देश्य लैंगिक असमानता, शिक्षा सीमाओं, स्कूल छोड़ने, स्वास्थ्य देखभाल, बाल विवाह और लिंग आधारित हिंसा से जूझ रहे समाज में लड़कियों के सामने आने वाली अनूठी चुनौतियों को समझना है.