प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने बदरीनाथ महायोजना की समीक्षा की

प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने बदरीनाथ महायोजना की समीक्षा की

गोपेश्वर : प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव डॉ.पीके मिश्रा, प्रधानमंत्री के सलाहकार अमित खरे और उपसचिव मंगेश घिल्डियाल ने बदरीनाथ पहुंचकर महायोजना के तहत संचालित निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की.

यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, बदरीनाथ धाम पहुंचे अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बीआरओ बाईपास सड़क, वनवे लूप रोड, शेष नेत्र व बदरीश झील, अराइवल प्लाजा, आईएसबीटी, अस्पताल विस्तारीकरण एवं मंदिर सौन्दर्यीकरण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया.

संस्थाओं को निर्माण सामग्री की उपलब्धता निरंतर बनाए रखने के दिए निर्देश:

प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने बदरीनाथ निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण को प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक बताते हुए अधिकारियों को कार्यो की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए समय पर सभी कार्य पूर्ण करने के लिए कहा. डॉ. मिश्रा ने सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण सामग्री की उपलब्धता निरंतर बनाए रखने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बदरीनाथ के साथ ही माणा गांव व उसके आस-पास के क्षेत्र को मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है तथा प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ये कार्य तेजी से चल रहे हैं. डॉ. मिश्रा ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत दिन-रात कार्य किया जा रहा है और आने वाले समय में बदरीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों को और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.

संचालित कार्यों की प्रगति के संबध में विस्तार से दी जानकारी: 

इससे पहले, चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को बदरीनाथ महायोजना में संचालित कार्यों की प्रगति के संबध में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जहां बीआरओ बाईपास और वनवे लूप रोड का निर्माण पूरा हो गया है वहीं शेषनेत्र, बदरीश झील और नागरिक सुविधा केंद्र और अराइवल प्लाजा का कार्य अंतिम चरण में है.

तीन चरणों में बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा:

उन्होंने बताया कि रिवरफ्रंट विकास परियोजना पर भी तेजी से काम चल रहा है. बदरीनाथ महायोजना के तहत तीन चरणों में बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है. पहले चरण का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है, जबकि दूसरे चरण में बदरीनाथ मुख्य मंदिर, रिवरफ्रंट एवं उसके आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. अंतिम चरण में मंदिर से शेषनेत्र झील को जोड़ने वाले आस्था पथ का निर्माण कार्य किया जाएगा. सोर्स भाषा