Delhi Air Pollution: दिल्ली में एक बार फिर सांस लेना हुआ मुश्किल, AQI 900 पार, सरकार के मना करने के बाद भी आतिशबाजी ने हवा में घोला जहर

नई दिल्लीः दिल्ली में हवा का स्तर एक बार फिर से जहरीला हो गया है. बारिश के बाद पॉल्यूशन में आयी कमी को दीपावली ने दुबारा से हाई लेवल पर पुहंचा दिया है. सोमवार (13 नवंबर) को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 900 के ऊपर चल गया. सुबह 6 बजे के करीब जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में AQI 910, लाजपत नगर में 959 और करोल बाग में 779 दर्ज किया गया. जबकि दिवाली वाले दिन सुबह का एक्यूआई लेवल 202 था. लेकिन एक ही दिन की आतिशबाजी ने एक बार फिर से सांस लेना दुश्वार कर दिया है. 

दिल्ली में दीपावली के दिन 7 साल बाद हवा सबसे साफ थी. इससे पहले साल 2022 में दीपावली पर दिल्ली में AQI 312, 2021 में 382, ​​2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था. 

फिजिकल एक्सरसाइज नहीं करने की दी सलाहः
दिल्ली सरकार ने दीपावली के बाद बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को मॉर्निंग-इवनिंग वॉक, दौर या किसी तरह के फिजिकल एक्सरसाइज नहीं करने की सलाह दी है. दिल्ली हेल्थ डिपार्टमेंट ने 11 नवंबर एडवाइजरी जारी की थी. जिसमें लोगों से पटाखे नहीं जलाने को कहा गया था हालांकि इसके बावजूद भी पटाखो के उपयोग ने दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को बढ़ा दिया है. 

प्रदूषण पर रोक के लिए सरकार द्वारा किये गये प्रयासः
दिल्ली से बाहर रजिस्टर्ड ओला-उबर सहित ऐप बेस्ड दूसरी टैक्सियों की एंट्री पर बैन है. राज्य में सिर्फ दिल्ली रजिस्टर्ड ऐप बेस्ड टैक्सियां की चलाने की अनुमति है.
दिल्ली में कंस्ट्रक्शन पर पाबंदी है. सड़क, हाईवे, फ्लाइओवर, ओवर ब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन समेत सभी तरह के डेवलपमेंट गतिविधियों पर भी रोक है.
जरूरी सामान ला रहे डीजल ट्रकों और LNG, CNG, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर सभी ट्रकों की एंट्री बंद है. BS-3 कैटेगरी वाले पेट्रोल और BS-4 कैटेगरी वाले डीजल वाहन भी प्रतिबंधित है.
दिल्ली में पटाखों पर बैन है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दीपावली के बाद वर्ल्ड कप मैच और छठ के दौरान भी दिल्ली पुलिस को निगरानी रखने का निर्देश दिया है.
दिल्ली में प्रदूषण के कारण स्कूलों में 9 से 18 नवंबर तक सर्दी की छुट्टियां कर दी गई हैं. हर साल दिसंबर-जनवरी के बीच स्कूलों में विंटर वेकेशन होता था. 
दिल्ली सरकार के मंत्रियों को प्रदूषण के खिलाफ ग्राउंड लेवल पर काम करने को कहा गया है. सभी मंत्री दिल्ली के अलग-अलग जिलों में निगरानी करेंगे.