जयपुरः अंतरिम बजट आज केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया. वहीं इस पर पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट को निराशाजनक बताया. डोटासरा ने कहा कि महंगाई व बेरोजगारी को कम करने के लिए कोई उपाय नहीं किए. आम जनता, मध्यम वर्ग, नौकरी पेशा वर्ग को किसी प्रकार के करों में कोई राहत प्रदान नहीं की गई. कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर देश में आर्थिक असमानता को बढ़ाने का ही कार्य किया है. बजट में गरीब ,किसान, युवा, महिला के उत्थान के लिए कोई प्रावधान नहीं है.
इससे पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह अंतरिम बजट था. लेकिन जो भाषण वित्त मंत्री ने दिया वो मुझे एक चुनावी भाषण लगा. अगर अपनी सरकार का गुणगान ही करना है तो वो हर सभा में भाजपा के नेता करते है.
मुझे उम्मीद थी कि अंतरिम बजट में भी ऐसे कदम ले सकते थे जिसमें लोगों को राहत मिलती. लेकिन सरकार ने ना तो उसमें महंगाई कम करने के उपाय बताए गये है, ना रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इन्होंने ले देकर सिर्फ अपना गुणगान किया गया है और अपनी पीठ थपथपाई है. इस भाषण में कुछ ऐसा निकल कर नहीं आया है. जिससे जनता को कोई उम्मीद जग सकती है. जिस प्रकार यह सरकार कह रही है कि अगला बजट हम बाद मे पेश करेंगे. उससे कही ना कही अति आत्मविश्वास दिखता है.
सरकार के पास, वित्त मंत्री के पास एक ऐसा मौका था. किसानों के लिए, नौजवान के लिए मध्यम वर्ग के लिए कोई राहत नहीं दी गई है. जब आप कहते है अर्थव्यवस्था इतनी अच्छी चल रही है. लेकिन मध्यम वर्ग के लिए, विद्यार्थियों के लिए, किसानों के लिए नौजवानों के लिए कोई राहत, सहायता, कोई आर्थिक मदद का कोई प्रावधान नहीं है. अधिकांश बजट में अपना गुणगान किया, अपनी कार्यकाल की सफलताओं को किया है. जैसे राष्ट्रपति महोदय के अभिभाषण को भी राजनैतिक भाषण की तरह इस्तेमाल किया है. आज का बजट का भाषण भी पूरी तरह राजनीति की तरह और चुनावों को लेकर भाषण दिया गया. यहां बात सिर्फ कांग्रेस पार्टी की नहीं है, जो देश में चल रहा है. विपक्ष की पार्टी के नेताओं को जबरदस्ती झूठे केस लगाकर, दबाव बनाकर एजेंसियों का दुरूपयोग कर उनको घेरने की कोशिश की जा रही है. उनका चरित्र हरण किया जाता है.