जनसुनवाई में लंबित मामले, जोधपुर और बीकानेर जैसे बड़े शहर फिसड्डी हो रहे साबित, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः संपर्क पोर्टल पर और सीएम जनसुनवाई में मिले परिवादों में लंबित प्रकरणों के निपटारे में राजधानी जयपुर सहित जोधपुर और बीकानेर जैसे बड़े शहर फिसड्डी साबित हो रहे हैं. ऐसे में सीएम भजनलाल शर्मा ने पोर्टल रोज खोलने,प्रकरणों पर प्रभावी कार्यावाही व साप्ताहिक समीक्षा करने और जिसे प्रकरण भेजा उसी अधिकारी के हस्ताक्षर से रिपोर्ट भेजने के निर्देश देकर सिस्टम को और जवाबदेह बनाने की कोशिश की है. 

संपर्क पोर्टल पर मिले परिवादों और सीएम जनसुनवाई में मिली शिकायतों का निपटारा कैसे हो रहा है, इसे लेकर लगातार मॉनिटरिंग जारी है. हाल ही में सीएम भजनलाल शर्मा की ओर से की गई समीक्षा में यह तस्वीर सामने आई-

जयपुर में 3 से 6 माह के 625,6 माह से ज्यादा के 8 प्रकरण लंबित हैं और इस तरह पेंडिंग प्रकरणों की संख्या 633 है. 

जोधपुर में 3 से 6 माह के 507 और 6 माह से अधिक के 29 प्रकरण हैं और इस तरह पेंडिंग प्रकरणों की संख्या 536 है. 

बीकानेर में 3 से 6 माह के 293 और 6 माह से ज्यादा के 35 प्रकरण हैं और इस तरह पेंडिंग प्रकरणों की संख्या 328 हैं. 

झुंझुनूं चौथे स्थान पर आता है जिसके 3 से 6 माह के 153 और 6 माह से ज्यादा के 9 प्रकरण हैं और इस तरह कुल 162 प्रकरण पेंडिंग है. 

भरतपुर नीचे से पांचवें पायदान पर है जिसके 3 से 6 माह के 99 प्रकरण और कुल 99 प्रकरण ही पेंडिंग है. 

प्रदेश भर में 3 से 6 माह के 2809, 6 माह से ज्यादा के 118 और एक वर्ष से अधिक दस प्रकरण पेंडिंग हैं और कुल पेंडिंग प्रकरणों की संख्या 2937 है. 

टॉप 5 जिले
सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों में डूंगरपुर शामिल है जिसका किसी भी श्रेणी में कोई प्रकरण पेंडिंग नहीं है. डीडवाना-कुचामन के 3 से 6 माह के 3 प्रकरण पेंडिंग है. सलू्म्बर और बांसवाड़ा के तीन से 6 माह के 5 प्रकरण पेंडिंग हैं तो बारां के 3 से 6 माह के 9 प्रकरण पेंडिंग हैं. 

सीएम जनसुनवाई में मिले लंबित प्रकरण 
जयपुर

3 से 6 माह तक 28,छह से 9 माह तक 20,नौ से बारह माह तक 21 और 1 साल से ज्यादा के लंबित प्रकरणों की संख्या दस है और सीएम जनसुनवाई में राजधानी के कुल 79 प्रकरण लंबित है. 

जोधपुर में 3 से 6 माह तक के 28, छह से नौ माह तक के 24, नौ से 12 माह तक के नौ, 1 साल से अधिक के 3 प्रकरण लंबित हैं, कुल 64 प्रकरण लंबित हैं. 

बीकानेर में 3 से 6 माह तक के 12, छह से नौ माह तक के 16, नौ से बारह माह तक के नौ, 1 साल से अधिक के 3 प्रकरण लंबित हैं. कुल मिलाकर 40 प्रकरण लंबित हैं. 

सीकर में 3 से 6 माह तक के दस, 6 से नौ माह तक के 14, नौ से 12 माह तक के 7 और एक वर्ष से ज्यादा के दो और इस तरह कुल मिलाकर 33 प्रकरण लंबित हैं. 

कोटपूतली-बहरोड के 3 से 6 माह के 11, छह से नौ माह के 13, नौ से 12 माह के 5, एक वर्ष से अधिक के 3 प्रकरण लंबित हैं और इस तरह कुल मिलाकर 22 प्रकरण लंबित है.

टॉप 5 जिले
इस पैमाने पर टॉप 5 जिलों पर गौर करें तो बाड़मेर में 6 से नौ माह तक के और 1 वर्ष से अधिक के 1-1 प्रकरण यानि कुल मिलाकर दो प्रकरण लंबित है. बांसवाड़ा में 3 से 6 माह के और 6 से नौ माह के 1-1 यानि कुल 2 प्रकरण लंबित हैं. 

बालोतरा में तो 3 से 6 माह तक का सिर्फ 1 प्रकरण पेंडिंग है और झालावाड़,पाली व प्रतापगढ़ में किसी भी श्रेणी में कई प्रकरण लंबित नहीं है. 

कुल मिलाकर सीएम जनसुनवाई में 3 से 6 माह के 215, छह से नौ माह के 219, नौ से 12 माह के 134, एक वर्ष से अधिक के 64 प्रकरण पेंडिंग हैं और कुल पेंडिंग प्रकरणों की संख्या 632 है. 

निश्चित रूप से इन पेंडिंग प्रकरणों में कमी लगातार मॉनिटरिंग से ही आ पाएगी.