रिपोर्टर- दिनेश डांगी
जयपुरः जब भी मुल्क में कोई चुनाव आता है तो फलोदी के सट्टा मार्केट का जिक्र जरुर होता है. लिहाजा लोकसभा चुनाव की जंग जारी है तो फलोदी का सट्टा मार्केट भी फिर चर्चाओं में है. इस बार चुनाव में किसके सिर पर ताज सजेगा औऱ किस के हिस्से में हार आएगी यह हलचल सट्टा मार्केट में जारी है. फलोदी का सट्टा मार्केट अपने सटीक अनुमान और भविष्यवाणी के लिए खूब मशहूर है. यहां का सट्टा मार्केट तीसरी बार भी मोदी सरकार बनने का दावा कर रहा है. देखिए यह हमारी ग्राउंड जीरो से खास रिपोर्ट.
फलोदी,भारत का सबसे बड़ा सट्टा बाजार. दावा है कि आजादी से पहले से यहां सट्टा लगता आया है. उस दौर में रुई की तेजी या मंदी पर सट्टा लगने की शुरुआत हुई थी. फिर बारिश होगी या नहीं होगी इस पर सट्टा लगने लग गया. यहां तक की कहा जाता है कि जूता फेंका तो वो सीधा गिरेगा या उल्टा. दो सांडों की लड़ाई में कौन जीतेगा,इस पर भी सट्टा लग जाता था. फिर क्रिकेट मैच और विधानसभा-लोकसभा चुनाव में हार-जीत पर भी सट्टा लगना शुरु हो गया. चुनाव में सट्टा लगने की शुरुआत देश के पहले आम चुनाव से हो गई थी. बारिश,क्रिकेट मैच औऱ चुनाव परिणाम को लेकर अब भी फोन के जरिए इस मार्केट में खूब सट्टा लगता है.
फलोदी का सट्टा बाजार अपनी सटीकता और भविष्यवाणी के लिए देश औऱ विदेश में मशहूर है. बताया जाता है कि रोजाना अघोषित तौर पर करोड़ों रुपए का सट्टा लगता है. सुबह से लेकर देर रात तक यह सट्टा लगता है. सट्टे का काम करने वाले लोग बुकी और दलालों के जरिए इस काम को अंजाम देते है. दलालों को इसके लिए तीन फीसदी की दलाली मिलती है. आखिर इतना सटीक आकलन फलोदी का सट्टा मार्केट कैसे कर लेते है. दरअसल इसके पीछे उनका तर्क है कि वो मीडिया की खबरों को बारीकी से पढते है,चुनावी सभाओं में भीड़ का जायजा लेते हैं. लोगों से फीडबैक लेते है. इसके अलावा इन सटोरियों का अपना भी नेटवर्क होता है. इन सबको मिलाकर फिर एक कलेक्टिव ओपिनियन तैयार करके भाव तय किए जाते हैं.
अब बात मौजूदा लोकसभा चुनाव को लेकर फलोदी सट्टा मार्केट के आंकलन का यहां का मार्केट इस बार भी केन्द्र में मोदी सरकार बनने का दावा कर रहा है. सट्टा मार्केट देशभर में अकेले भाजपा की 315 से 355 सीटें आने का दावा कर रहा है. वहीं राजस्थान में भाजपा की 22 से 23 और कांग्रेस-गठबंधन की 2 से 3 सीट आने का दावा कर रहा है. सट्टा मार्केट चूरु,बाड़मेर औऱ नागौर में मुकाबला टक्कर का मानकर चल रहा है.
हालांकि ऐसा नहीं है यहां का सट्टा मार्केट जो दावा करता है वही सच होता है. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में यहां के सट्टा मार्केट ने छत्तीसगढ़ औऱ मध्यप्रदेश में कांग्रेस को बढत दिखाई थी, लेकिन वह दावा बिल्कुल सच साबित नहीं हुआ औऱ वहां बीजेपी की सरकार बनी. हालांकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम का दावा यहां का एकदम सटीक गया था. इतिहास में देखेंगे तो कई इस तरह कईं बार फलोदी सट्टा मार्केट का अनुमान सही गया है. अब देखते है कि इस बार फलोदी सट्टा मार्केट का दावा कितना सही और गलत साबित होता है.