VIDEO: भूखंडधारियों का खत्म नहीं हो रहा इंतजार, पीढ़ी बदल गई लेकिन नहीं मिला आशियाने का पट्टा, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजधानी के जवाहरलाल नेहरू मार्ग स्थित जय जवान कॉलोनी तृतीय के  पिछले 41 सालों से अपने भूखंड का पट्टा लेने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन उनका यह इंतजार है कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा. 

राज्य सरकार के कार्यकाल के दो वर्ष पूरा होने के उपलक्ष में प्रदेश भर के निकायों में शहरी समस्या समाधान शिविर लगाए जा रहे हैं. जेडीए में जोन 4 का शिविर आज लगाया गया था. इसी शिविर में जय जवान कॉलोनी तृतीय के भूखंडधारियों ने जोन उपायुक्त अपूर्वा परवाल को ज्ञापन दिया. ज्ञापन देकर योजना के भूखंडों का पट्टा देने की मांग की गई. इस दौरान जय जवान कॉलोनी तृतीय विकास समिति के पदाधिकारियों ने कॉलोनी के नियमन को लेकर जोन उपायुक्त के साथ वार्ता की. वार्ता में भूंखडधारियों की ओर से नियमन की मांग के समर्थन में कई तथ्य रखे गए. जोन उपायुक्त ने नियमानुसार कार्यवाही की बात कही है.

-भूखंडधारियों की ओर से जोन उपायुक्त को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि जेडीए की ओर से वर्ष 1984 में योजना के मानचित्र का अनुमोदन किया गया था
-अनुमोदन के पश्चात जेडीए ने 3 फरवरी 1984 को अतिरिक्त जिलाधीश भूमि रूपांतरण जयपुर को पत्र जारी कर भूमि रूपांतरण आदेश जारी करने की सिफारिश की गई थी
-इस पर अतिरिक्त जिलाधीश भूमि रूपांतरण दक्षिण जयपुर द्वारा भूमि रूपांतरण के आदेश जारी कर दिए गए
-इसके बाद अतिरिक्त जिलाधीश और जेडीए की ओर से कई भूखंडों के पट्टे भी जारी कर दिए गए
-यहां तक की कई भूखंडधारियों को को जेडीए ने निर्माण की स्वीकृति भी जारी की
-योजना सृजित करने वाली जय जवान गृह निर्माण सहकारी समिति और भूखंडधारियों की ओर से की ओर से परिधीय शुल्क,विकास शुल्क और भू रूपांतरण आदि समस्त प्रकार के शुल्क जेडीए में जमा कर दिए गए.
-जेडीए ने 17 अप्रैल 2002 को योजना की 90 बी की कार्यवाही भी कर दी
-एक मामले में संभागीय आयुक्त ने दिसंबर 2015 में जेडीए की 90 बी की कार्यवाही को निरस्त कर दिया
-हाई कोर्ट में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 9 सितंबर 2023 को योजना की भूमि के एक प्रकरण का निस्तारण किया गया
-इस प्रकरण में जेडीए की ओर से लोक अदालत में 90 बी की कार्यवाही बहाल करने पर सहमति दी गई
-अपने भूखंड की बाट जोह रहे भूखंडधारियों का कहना है कि जब योजना का मानचित्र इतने वर्ष पूर्व अनुमोदित किया जा चुका है
-योजना की भूमि का भू रूपांतरण किया जा चुका है, समस्त शुल्क भी जमा है, कई भूखंडधारियों को पट्टे जारी किए जा चुके हैं
-जेडीए निर्माण स्वीकृति जारी कर चुका है तो फिर आखिर क्यों शेष भूखंडों को पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं
-भूखंडधारियों का आरोप है कि जेडीए की ओर से बेवजह पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं