नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने जीनोम इंडिया परियोजना का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज भारत ने शोध की दुनिया में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. पांच साल पहले जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी. कोविड की चुनौतियों के बावजूद हमारे वैज्ञानिकों ने इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है.
मुझे बेहद खुशी है कि 20 से ज़्यादा शोध संगठनों ने इस शोध में बहुत अहम भूमिका निभाई है. अब इस प्रोजेक्ट का डेटा इंडियन बायोलॉजिकल डेटा सेंटर में उपलब्ध है. यह प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च में ये प्रोजेक्ट एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा.
मैं इस प्रोजेक्ट से जुडे सभी साथियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं. जीनोम इंडिया परियोजना जैव प्रौद्योगिकी क्रांति का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. इस प्रोजेक्ट से हम एक विविध आनुवंशिक संसाधन बनाने में सफल रहे हैं. इस परियोजना में 10,000 लोगों की जीनोम अनुक्रमण किया गया है. यह डेटा वैज्ञानिकों, रिसर्चस को भारत के आनुवंशिक परिदृश्य को समझने में मदद करेगा.
जैव अर्थव्यवस्था सतत विकास को गति देती है. पिछले 10 वर्षों में देश की जैव अर्थव्यवस्था में काफी वृद्धि हुई है. 2014 में देश की जैव अर्थव्यवस्था का मूल्य 10 बिलियन डॉलर था जो अब बढ़कर 150 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है. भारत ने दुनिया में फार्मा हब के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाई है.करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है, बेहतर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जा रहा है. ये पिछले 10 वर्षों की कुछ प्रमुख उपलब्धियां हैं.
पीएम ने आगे कहा कि आज दुनिया विभिन्न वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए भारत की ओर देख रही है. पिछले 10 वर्षों में राष्ट्र में अनुसंधान और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया गया है. आज युवा अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) में विभिन्न प्रयोग कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' (ONOS) पहल शुरू की है.