नई दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग के 150वें स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया इस दौरान पीएम मोदी ने "मिशन मौसम" की शुरूआत करते हुए कहा कि आज हम आईएमडी की 150वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. ये 150 वर्ष सिर्फ देश के मौसम विभाग की यात्रा नहीं रही हैं, बल्कि हमारे देश में उन्नत विज्ञान और प्रौद्योगिकी की यात्रा भी रही है.
IMD को इस कसौटी पर आधारित होना चाहिए कि मौसम की जानकारी सटीक हो और भारत के हर व्यक्ति तक पहुंचे. इसके लिए IMD ने विशेष अभियान चलाए हैं. आज देश की 90% से अधिक आबादी तक Early Warning for All की सुविधा पहुंच रही है. कोई भी व्यक्ति पिछले दस दिनों और आने वाले दस दिनों की मौसम की जानकारी कभी भी प्राप्त कर सकता है.
मौसम का पूर्वानुमान सीधे WhatsApp पर भी पहुंचता है. हमने मेघदूत मोबाइल ऐप जैसी सेवाएं शुरू कीं जहां देश की सभी स्थानीय भाषाओं में जानकारी उपलब्ध है. 10 साल पहले, केवल 10% पशुपालक ही मौसम संबंधी सलाह का उपयोग कर पाते थे. आज यह संख्या बढ़कर 50% से अधिक हो गई है.
बिजली गिरने जैसी चेतावनी भी अब लोगों के लिए मोबाइल फोन पर प्राप्त करना संभव हो गया है. पहले जब लाखों मछुआरे समुद्र में जाते थे, तो उनके परिवार हमेशा चिंतित रहते थे. किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती थी, लेकिन अब IMD की मदद से मछुआरों को भी समय पर चेतावनी मिल जाती है.
ये रियल-टाइम अपडेट न केवल लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि कृषि और ब्लू इकोनॉमी जैसे क्षेत्रों को भी मजबूती मिल रही है. किसी भी देश की आपदा प्रबंधन क्षमता के लिए मौसम विज्ञान सबसे महत्वपूर्ण सहारा होता है. प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए हमें मौसम विज्ञान की दक्षता को अधिकतम करने की आवश्यकता है.