जयपुर: महानगरों की तर्ज पर राजस्थान के शहरों में भी आपातकालीन अनुक्रिया और सहयोग प्रणाली टीम काम करेगी. अब किसी भी संकट के समय 112 नंबर पर डायल करते ही तुंरत पुलिस सहायता मौके पर पहुंचेगी. कंट्रोल रूम से फोन आने के बाद अत्याधुनिक संसाधनों से लैस डायल 112 नंबर की गाड़ी पर सवार पुलिसकर्मी लोकेशन पर पहुंचकर पीड़ित की मदद करेंगे. जैसे जैसे जनसंख्या का अनुपात बढता जा रहा है. वैसे वैसे अपराधिक घटनाओं में भी बढोतरी हो रही है.ऐसे में अब पुलिस को भी अत्याधुनिक बनाने की तरफ जोर दिया जा रहा है.
इसी कडी में सरकार ने पुलिस बेडे को अत्याधुनिक संसाधानो से लैस गाडियां प्रदान की है. प्रथम चरण में जयपुर पुलिस कमिश्नरेट को 49 गाडियां प्राप्त हुई है.पुलिस अधिकारियों की माने तो इन गाडियों के आने के बाद परिवादी के पास जल्द से जल्द पुलिस सहायता पहुंच पाएगी.एडिशनल पुलिस कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप के मुताबिक इस गाडी की चारो दिशाओं में चार सीसीटीवी कैमरे लगे है.जो की सीधे अभय कमांड सेन्टर से जुडे हुए है.जब भी किसी सूचना पर यह गाडी मौके पर पहुंचेगी तो अभय कमांड में बैठे पुलिस अधिकारी मौके की स्थिति को देख सकेंगे.साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली में भी पारदर्शिता आएगी.
जयपुर में पहले चरण में इन गाडियों को शहर के मुख्य और संवेदनशील स्थानों के थानो पर तैनात किया गया है. एक गाडी में तीन पुलिसकर्मी सवार रहेंगे.वही गाडी का चालक कम्पनी का होगा.एडिशनल पुलिस कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप के मुताबिक अब सूचना मिलने के महज पांच से छह मिनिट में पीडित तक पुलिस सहायता हर हाल में पहुंच जाएगी.इतना ही नहीं कंट्रोल रूम से गाडी में सूचना मिलने पर केवल एक मिनिट में चालक को गाडी स्टार्ट कर मौके के लिए रवाना होना होगा.
अगर चालक एक मिनिट में गाडी स्टार्ट कर मौके के लिए रवाना नही होता तो कम्पनी पर पैनल्टी लगाई जाएगी.पुलिस अधिकारियो की माने तो इन गाडियों से रिस्पॉस टीम घटेगा और परिवादी को जल्द पुलिस पुलिस सहायता प्राप्त हो जाएगी. समय को देखते हुए पुलिस को अत्याधुनिक बनाने की प्रक्रिया में इन गाडियो का मिलना पुलिस बेडे और लोगो के लिए काफी अच्छा माना जा रहा है.अब देखना होगा की इन गाडियों से जयपुर पुलिस किस प्रकार अपराध पर लगाम लगा सकेगी.
सत्यनारायण शर्मा फर्स्ट इंडिया न्यूज,जयपुर