PM Modi की अमेरिका यात्रा, द्विपक्षीय संबंधों में 'ऐतिहासिक पल' करार देते हुए भारत-अमेरिका की यात्रा का आगाज

वाशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों में 'ऐतिहासिक पल' करार देते हुए भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि शांति एवं समृद्धि के लिए दो लोकतंत्र के एक साथ आने से यह सप्ताह उन पलों में से एक होगा, जो इतिहास की सूरत बदल सकता है.

गार्सेटी ने किया इंडस-एक्स सम्मेलन को संबोधित:

गार्सेटी ने मंगलवार को 'यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल' द्वारा अमेरिका के रक्षा विभाग और भारत के रक्षा उत्पादन विभाग के साथ मिलकर आयोजित किए जा रहे 'इंडस-एक्स सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा कि हम साथ आ रहे हैं और यह यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. हम उस चीज को गति दे रहे हैं, जो पहले से चली आ रही है.

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की आधिकारिक यात्रा की पूर्व संध्या पर कहा कि आइए आज रात इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनें, जो तस्वीर बदलने वाला, पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने वाला और इन दोनों चीजों को एक साथ लाने वाला है. यह इतिहास में जीने जैसा लगता है. यह सप्ताह उन क्षणों में से एक होगा, जो इतिहास की सूरत बदल सकता है. मैं जानता हूं कि हमारे नेता इस पर खरे उतरेंगे, लेकिन वे इस दूरदृष्टि को साथ मिलकर साकार करने के लिए हम पर भरोसा कर रहे हैं.

मोदी बाइडन के निमंत्रण पर 21 से 24 जून तक अमेरिका की राजकीय यात्रा पर:

मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर 21 से 24 जून तक अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं. वह बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर एक ऐतिहासिक समारोह में अनोखे योग सत्र का नेतृत्व करेंगे, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी, दुनियाभर के राजदूत और प्रमुख व्यक्ति हिस्सा लेंगे. गार्सेटी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने कहा था कि अगर हम न केवल दोनों नेताओं, बल्कि लोगों के दिमाग को एक साथ काम में लगाते हैं, तो हमें रोक पाना मुश्किल होगा.

लोगों को रोक पाना नामुमकिन:

अमेरिकी राजदूत ने कहा कि दोनों लोकतंत्र आखिरकार हमारे लोगों की परवाह करते हैं. शांति, समृद्धि और हमारे ग्रह व लोगों की तरक्की के लिए ताकत के रूप में काम करने वाले दोनों देशों के 1.75 अरब लोगों को रोक पाना नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका धरती को बचाने और शांति कायम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

अमेरिकी राजदूत ने कहा कि लिहाजा, मैं उम्मीद करता हूं कि इस यात्रा के दौरान हम एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझेंगे. रक्षा उद्योग सहयोग के लिए रूपरेखा तैयार करने, जिसके माध्यम से हम आगे बढ़ेंगे, उसके वास्ते मैं राष्ट्रपति का आभार जताना चाहता हूं. मुझे ऐसे प्रशासन का हिस्सा बनकर गर्व महसूस हो रहा है, जो पहले के मुकाबले अधिक साहसिक तरीके से काम कर रहा है. सोर्स भाषा