नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूकंप प्रभावित तुर्किए में तैनात भारतीय सहायता और आपदा राहत दलों के काम की सोमवार को सराहना की और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने न केवल आत्मनिर्भर बल्कि निस्वार्थ देश के रूप में अपनी पहचान मजबूत की है. प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश के बाद सात फरवरी को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की कुल तीन टीम को भूकंप प्रभावित देश में भेजा गया था.
बड़ी संख्या में भूकंप प्रभावित लोगों को व्यापक सेवाएं प्रदान करने के लिए भारतीय सेना की मेडिकल टीम को भी तैनात किया गया था. तुर्किए से लौटे कर्मियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आपने मानवता की महान सेवा की है और भारत को गौरवान्वित किया है. मोदी ने राहत दल के सदस्यों से कहा कि हम दुनिया को एक परिवार मानते हैं और संकट में फंसे किसी भी परिवार के सदस्य की त्वरित मदद करना अपना कर्तव्य समझते हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में आत्मनिर्भर देश के रूप में अपनी पहचान मजबूत की है जो निस्वार्थ भी है और अन्य देशों की मदद करता है.
उन्होंने कहा कि जब भी दुनिया में कोई संकट आता है तो भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देने के लिए हमेशा तैयार रहता है. उन्होंने कहा कि हमें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ राहत एवं बचाव टीम के रूप में अपनी पहचान मजबूत करनी होगी. इससे पहले, मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने तुर्किए और सीरिया में ऑपरेशन दोस्त में शामिल कर्मियों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि आपदा प्रतिक्रिया और राहत उपायों में उनके प्रयास सराहनीय रहे हैं. ऑपरेशन दोस्त के बाद एनडीआरएफ की अंतिम टीम तुर्किए से स्वदेश लौट आई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में कहा कि 151 एनडीआरएफ कर्मियों और श्वान दस्तों की तीन टीम ने भूकंप प्रभावित तुर्किए की मदद की. उन्होंने कहा कि टीम ने नूरदागी और अंताक्या के 35 स्थलों पर जीवित लोगों का पता लगाने सहित खोज, बचाव और राहत अभियान चलाया. भारत ने तुर्किए और सीरिया के विभिन्न हिस्सों में छह फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप के बाद दोनों देशों को सहायता देने के लिए ऑपरेशन दोस्त शुरू किया था. (भाषा)