VIDEO: राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही 17 जुलाई तक हुई स्थगित, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का हुआ संबोधन

जयपुर: राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही 17 जुलाई तक स्थगित हो गई है. राजस्थान विधानसभा के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा. क्योंकि आज पहली बार राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रपति का संबोधन हुआ. 15वीं विधानसभा के 8वें और अंतिम सत्र में पहली बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सदन को संबोधित किया. आपको बता दें कि राजस्थान विधानसभा के लिए आज गौरवशाली और ऐतिहासिक पल रहा. विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि आज राजस्थान विधानसभा के लिए ऐतिहासिक दिन है. पहली बार राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रपति पहुंचीं. राजस्थान विधानसभा पहली विधानसभा जिसे ये गौरव मिला. आज हमने राजनेतिक उन्नति को प्राप्त किया. लेकिन पूरी तरह सामाजिक उत्थान जरूरी है. ये संसदीय लोकतंत्र की खूबसूरती है. जब साधारण परिवार से निकलने वाला व्यक्ति सर्वोच्च पद तक पहुंचा है. 

राजस्थान वो प्रदेश जहां जागीरदार प्रथा का अंत कर लैंड रिफॉर्म किए गए. राजस्थान में सोशल सिक्योरिटी की दिशा में अहम काम हुए. राजस्थान की नई विधानसभा की परिकल्पना हरिशंकर भाभड़ा ने की. हमारे यहां से निकले गणमान्यों ने उपराष्ट्रपति पद को सुशोभित किया. हमारे यहां ब्यूरोक्रेट्स ने देश में बड़े पदों पर पहुंच कर देश का नाम रोशन किया. मोहन लाल सुखाड़िया,शिवचरण माथुर,भैरों सिंह शेखावत, वसुंधरा राजे,अशोक गहलोत ने राजस्थान के नव निर्माण में अपना योगदान दिया. इस सदन का सदस्य होने का मुझे गौरव 43 साल पहले मिला. 15वीं विधानसभा के 8वें और अंतिम सत्र में पहली बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सदन को संबोधित किया.

विधानसभा में राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन की शुरुआत राजस्थानी भाषा से की. उन्होंने कहा कि राजस्थान के लिए गौरव की बात है कि संसद के दोनों सदनों की अध्यक्षता राजस्थान के प्रतिनिधि द्वारा की जा रही है. राष्ट्रपति ने इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और स्पीकर ओम बिरला का नाम लिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन में लगे अधिकांश पत्थर राजस्थान से ही गए हैं. राष्ट्रपति मुर्मू ने 'पधारो म्हारो देश' गीत का भी उल्लेख किया. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने चंदबरदाई के पृथ्वीराज रासो, मीराबाई, पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप व राणा सांगा को याद किया, साथ ही चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ का भी उल्लेख किया. 

राष्ट्रपति मुर्मू ने कालीबाई, गोविंद गुरु के बलिदान को भी याद किया. राष्ट्रपति ने आदिवासियों के महाकुंभ मानगढ़ धाम का भी उल्लेख किया. राष्ट्रपति ने मोहनलाल सुखाड़िया व भैरोंसिंह शेखावत को याद किया. राष्ट्रपति ने सभी विधायकों को कहा कि हम कितने भाग्यशाली है. जनता ने आपको विधानसभा में भेजा है. जनता प्यार देती है तो बार-बार चुन कर भेजती है. जनता अपने जनप्रतिनिधि को फॉलो करते हैं. आज का युग कम्प्यूटर व मॉडर्न टेक्नोलॉजीज का है. मैं सभी से गुजारिश करती हूं कि चाल-चलन व विचार से जनता के लिए सोचना चाहिए. राष्ट्रपति के भाषण पर विधायकों ने मेजे थपथपाई.