VIDEO: राजस्थान के विभिन्न शहरों में मिल सकेगी कॉलेज, यूनिवर्सिटी और हॉस्पिटल चलाने की स्वीकृति, नगरीय विकास विभाग ने जोड़े नए प्रावधान

जयपुर: प्रदेश के विभिन्न शहरों में आमजन को विभिन प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने और इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को जल्द पूरी करने के लिहाज से राज्य सरकार ने डवलपमेंट एंड प्रमोशन कंट्रोल रेगुलेशन (डीपीसीआर) में नए प्रावधान जोड़े हैं. 

प्रदेश की राजधानी जयपुर,व अन्य शहर जोधपुर,अजमेर,उदयपुर,भिवाड़ी व पाली में लागू मास्टर प्लान के साथ ही डवलपमेंट एंड प्रमोशन कंट्रोल रेगुलेशन (डीपीसीआर) पहले से ही लागू हैं. इसके अलावा प्रदेश के 270 से अधिक शहरों में राज्य सरकार की ओर से पिछले वर्ष अक्टूबर डवलपमेंट एंड प्रमोशन कंट्रोल रेगुलेशन लागू किए थे. इन्हीं रेगुलेशन में नए प्रावधान जोड़े गए हैं. आपको सबसे पहले बताते हैं कि ये इन रेगुलेशन के लागू होने का क्या मतलब है और इनका महत्व क्या है.

-डवलपमेंट एंड प्रमोशन कंट्रोल रेगुलेशन (डीपीसीआर) ये बताते हैं कि किस भू उपयोग में कौन-कौनसी गतिविधियों की स्वीकृति दी जा सकती है
-इसके लिए इन रेगुलेशन में हर भू उपयोग की एक तालिका दी हुई है
-हर भू उपयोग की तालिका में उस भू उपयोग में स्वीकृत की जाने वाली गतिविधियां दर्शाई हुई हैं
-कौनसी गतिविधि कितनी चौड़ी सड़क पर स्वीकृत की जा सकती है
-इस बारे में भी तालिका में ये मापदंड निर्धारित किए गए हैं
-ये मापदंड दो अलग-अलग वर्ग, एक वर्ग बड़े शहर और दूसरा वर्ग छोटे व मध्यम शहर के अनुसार निर्धारित किए गए हैं
-विभिन्न भू उपयोगों में विभिन्न गतिविधियों को उस भू उपयोग की जरूरत के अनुसार स्वीकृत किया गया है
-मसलन आवासीय इलाके में रहने वाले लोगों को रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए दुकानों की जरूरत पड़ती है
-इसी को ध्यान में रखते हुए आवासीय भू उपयोग में वाणिज्यिक गतिविधि डीपीसीआर में स्वीकृत की गई है
-डीपीसीआर लागू होने से इनमें शामिल गतिविधियों के लिए मास्टर प्लान में भू उपयोग परिवर्तन की लंबी प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं पड़ती है
-इन गतिविधियों की स्वीकृति निकाय स्तर पर ही दिए जाने का प्रावधान है

प्रदेश के कई शहरों में पिछले वर्ष अक्टूबर में लागू डवलपमेंट एंड प्रमोशन कंट्रोल रेगुलेशन में नगरीय विकास विभाग की ओर से नए प्रावधान जोड़े गए हैं. ताकि मास्टर प्लान में दर्शाए विभिन्न भू उपयोग क्षेत्र और वहां रहने वाले लोगों की जरूरत के अनुसार विभिन्न गतिविधियों की स्वीकृति दी जा सके. आपको बताते हैं कि नगरीय विकास विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब किस भू उपयोग क्षेत्र में कौनसी गतिविधियां स्वीकृत की जा सकेंगी.

-शहरों के नगरीयकरण योग्य क्षेत्र के बाहर मिल सकेगी स्वीकृति
-कॉलेज,यूनिवर्सिटी और हॉस्पिटल चलाने की मिल सकेगी स्वीकृति
-शहरों के परिधिय नियंत्रण पट्टी में दी जा सकेगी इन गतिविधियों की स्वीकृति
-बड़े शहरों में सौ फीट चौड़ी सड़क पर और
-छोटे,मध्यम शहरों में अस्सी फीट चौड़ी सड़क पर मिल सकेगी स्वीकृति
-इसी तरह आवासीय भू उपयोग की भूमि पर दी जा सकेगी स्वीकृति
-विभिन्न जनोपयोगी सुविधाओं की दी जा सकेगी स्वीकृति
-आवासीय भू उपयोग में दी जा सकेगी स्वीकृति
-सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट,ग्रिड सब स्टेशन,जलापूर्ति केन्द्र,
-वॉटर फिल्टर एवं ट्रीटमेंट प्लांट,पुलिस चौकी,पुलिस थाना,डाकघर,
-टेलीफोन एक्सचेंज,अग्निशमन केन्द्र,डेयरी बूथ और
-सुलभ शौचालय आदि जनोपयोगी सुविधाओं की दी जा सकेगी स्वीकृति
-शहरों में राजमार्गों के दोनों तरफ की जा सकेगी औद्योगिक गतिविधियां
-शहरों के हाईवे कंट्रोल डवलपमेंट जोन में की जा सकेगी ये गतिविधियां
-बड़े शहरों में अस्सी फीट चौड़ी सड़कों पर और
-मध्यम,छोटे शहरों में साठ फीट चौड़ी सड़क पर हो सकेगी ये गतिविधियां